घटना का संदर्भ : कलेक्टर्स-एसपी कॉन्फ्रेंस 2025
रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कलेक्टर्स–एसपी कॉन्फ्रेंस में शासन, कानून-व्यवस्था, और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा हुई।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जो गृह और लोक सुरक्षा विभाग भी संभालते हैं, ने धर्मांतरण और चंगाई सभा को लेकर बड़ा बयान दिया।
🟥 धर्मांतरण और चंगाई सभा पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का बयान
🔹 सख्त कानून की घोषणा
विजय शर्मा ने कहा कि
“धर्मांतरण के खिलाफ जल्द ही एक सख्त कानून लाया जाएगा, जो देश का सबसे सशक्त कानून होगा।”
इस बयान का आशय यह है कि राज्य सरकार अब मौजूदा धर्म स्वातंत्र्य कानून को और कठोर रूप में संशोधित करने या नया कानून लाने की तैयारी में है।

इसमें संभवतः —
- जबर्दस्ती या प्रलोभन देकर धर्म बदलवाने पर कड़ी सज़ा,
- चंगाई सभाओं (faith healing meetings) जैसी गतिविधियों पर प्रतिबंध,
- और प्रशासनिक अनुमति के बिना धर्म परिवर्तन पर दंडात्मक कार्रवाई — जैसे प्रावधान शामिल किए जा सकते हैं।
🔹 चंगाई सभा पर टिप्पणी
उन्होंने कहा कि
“चंगाई सभा बंद होना चाहिए, यह लोगों को भ्रमित करने के लिए होती है।”
‘चंगाई सभा’ यानी धार्मिक सभा जहां “चमत्कार या रोग मुक्ति” के नाम पर लोगों को प्रभावित किया जाता है — सरकार इसे धार्मिक छल या भ्रम फैलाने की गतिविधि के रूप में देख रही है।
🟩 मुख्यमंत्री की सख्ती और पुलिस पर फटकार
कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा की।
सूत्रों के अनुसार, उन्होंने 3–4 जिलों के एसपी को परफॉर्मेंस को लेकर फटकार लगाई।
विजय शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा —
“मुख्यमंत्री ने सभी एसपी को हिदायत दी है — जिनका परफॉर्मेंस बेहतर नहीं है, उन्हें आख़िरी मौका दिया गया है। अगर सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई तय है।”
इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में कुछ जिलों में पुलिस अधीक्षकों के स्थानांतरण या निलंबन भी संभव हैं।
🟦 कांग्रेस पर पलटवार — बिहार चुनाव का मुद्दा
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के तंज पर विजय शर्मा ने तीखा पलटवार किया।
उन्होंने कहा —
“कांग्रेस नेताओं को यह बताना चाहिए कि उनकी पिछली पदयात्रा का क्या नतीजा निकला।”
साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा —
“भाजपा और एनडीए पूरी ताकत से बिहार चुनाव में उतरे हैं, सीट बंटवारा तय है और एनडीए सरकार बनना निश्चित है। कांग्रेस को यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि भाजपा के कार्यकर्ता कैसे जाएंगे।”
विजय शर्मा ने तंज करते हुए कहा —
“देखना यह है कि वे (कांग्रेस) इस बार सच में लड़ाई करेंगे या फिर टिकट बेचेंगे।”
🟨 राजनीतिक और प्रशासनिक संकेत
- राज्य सरकार की प्राथमिकता:
धर्मांतरण और नक्सलवाद — दोनों मुद्दों पर भाजपा सरकार सख्त रुख दिखा रही है।
इससे भाजपा का “धर्म-संरक्षण और सुरक्षा” वाला राजनीतिक एजेंडा स्पष्ट झलकता है। - कानून-व्यवस्था पर सख्ती:
मुख्यमंत्री द्वारा जिलों के एसपी को “आखिरी चेतावनी” देना बताता है कि शासन अब ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर चलना चाहता है। - राजनीतिक मोर्चा:
बिहार चुनाव को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के साथ तालमेल दिखा रही है, जिससे पार्टी का राष्ट्रीय फोकस भी स्पष्ट है।
🔸 संभावित असर और आगे की दिशा
- धर्मांतरण कानून पर कैबिनेट या विधानसभा में मसौदा बिल जल्द आ सकता है।
- चंगाई सभा पर प्रतिबंध का प्रशासनिक आदेश (या अधिसूचना) भी संभव है।
- पुलिस प्रशासन में बड़े फेरबदल और एंटी-कन्वर्ज़न सेल जैसी नई इकाई गठित हो सकती है।
- विपक्ष (कांग्रेस और अन्य दल) इस कानून को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताकर विरोध कर सकते हैं।
