छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मंगलवार सुबह से किसानों ने धान खरीदी केंद्र खोलने की मांग को लेकर नेशनल हाइवे-130C पर चक्काजाम कर दिया। आंदोलन की अगुवाई जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम कर रहे हैं।
🚜 प्रदर्शन की वजह
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से पारागांवडीह क्षेत्र में धान खरीदी केंद्र की मांग की जा रही है, लेकिन प्रशासन या खाद्य विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
किसानों को हर साल अपनी उपज बेचने के लिए 20–25 किलोमीटर दूर के खरीदी केंद्रों तक जाना पड़ता है, जिससे उन्हें परिवहन में भारी खर्च और समय की बर्बादी होती है।
इन असुविधाओं से परेशान होकर इस बार ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर आंदोलन करने का निर्णय लिया।
📍 चक्काजाम का स्थान
- नेशनल हाइवे-130C,
- धवलपुर के पहले, सिकासेर जीरो चैन के पास,
- प्रदर्शन में ग्राम पंचायत घाटौद, बेगरपाला और जंगल धवलपुर के अधीन आने वाले 15 से अधिक गांवों के किसान शामिल हैं।
प्रदर्शन में महिलाएं भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जिन्होंने सड़क पर बैठकर “धान खरीदी केंद्र खोलो” के नारे लगाए।

⚖️ प्रशासनिक स्थिति
मौके पर हालात को नियंत्रित करने और संवाद स्थापित करने के लिए
- मैंनपुर एसडीएम,
- थाना प्रभारी,
- और अन्य राजस्व अधिकारी मौजूद हैं।
प्रशासनिक अधिकारी किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हाइवे जाम खत्म कराया जा सके और स्थिति सामान्य हो।
📢 किसानों की प्रमुख मांगें
- पारागांवडीह में नया धान खरीदी केंद्र खोला जाए।
- धान तुलाई के लिए नजदीकी गांवों को शामिल किया जाए।
- खरीदी व्यवस्था में स्थानीय युवाओं को रोजगार का अवसर मिले।
- धान परिवहन की व्यवस्था पारदर्शी और सस्ती की जाए।
⚠️ स्थिति का असर
- चक्काजाम के चलते गरियाबंद–धमतरी–रायपुर मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
- स्कूल बसों और यात्री वाहनों को भी रुकना पड़ा।
- पुलिस प्रशासन ने वैकल्पिक रूट से कुछ वाहनों को डायवर्ट किया है।
🗣️ किसानों का कहना
ग्रामीणों ने कहा —
“हम कई सालों से अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। बार-बार सर्वे होता है, आश्वासन मिलता है लेकिन केंद्र नहीं खुलता। अब जब तक खरीदी केंद्र की घोषणा नहीं होती, हम जाम नहीं हटाएंगे।”
🔍 आगे की संभावना
प्रशासन के उच्च अधिकारी किसानों से बातचीत कर रहे हैं।
अगर आज समाधान नहीं निकला तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
संभावना है कि जिला कलेक्टर या खाद्य विभाग के अधिकारी स्थल पर पहुंचकर बातचीत करेंगे।
