र पश्चिम बंगाल की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और आगामी चुनावों से जुड़ी बेहद दिलचस्प है — खासकर इसलिए कि इसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद उसी प्रक्रिया का हिस्सा बन गईं, जिसके खिलाफ वे खुलकर विरोध कर रही हैं।
यहाँ इसका विस्तृत विश्लेषण और घटनाक्रम दिया गया है 👇
🗳️ पश्चिम बंगाल चुनाव: “SIR” पर सियासी संग्राम के बीच दिलचस्प वाकया
🔹 पृष्ठभूमि: SIR क्या है?
“SIR” यानी Special Intensive Revision (मतदाता सूची का विशेष गहन परीक्षण) — यह चुनाव आयोग की वह प्रक्रिया है जिसमें
- मतदाता सूची को अपडेट और सत्यापित किया जाता है,
- डुप्लिकेट नाम या मृत मतदाता हटाए जाते हैं,
- और नए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाते हैं।
केंद्र और चुनाव आयोग इसे एक रूटीन लोकतांत्रिक प्रक्रिया बताते हैं, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) का कहना है कि SIR के नाम पर “मतदान सूची से चुनिंदा मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश” चल रही है।

⚡ ममता बनर्जी की रैली और तीखा हमला
रैली के दौरान ममता बनर्जी ने कोलकाता में हजारों समर्थकों के बीच SIR को “Silent Invisible Rigging” यानी “मूक और अदृश्य धांधली” बताया।
उन्होंने कहा कि —
“SIR का इस्तेमाल बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर कर रहे हैं ताकि बंगाल में विपक्षी वोटरों के नाम काटे जा सकें।”
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर किसी नागरिक का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया तो
“टीएमसी सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करेगी।”
🏠 दिलचस्प मोड़: अगले ही दिन ममता के घर पहुंचे BLO
रैली के अगले ही दिन, बुधवार को कोलकाता में ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर बूथ लेवल अधिकारी (BLO) पहुँचे।
उन्होंने मुख्यमंत्री को एन्यूमरेशन फॉर्म (Form 6A) सौंपा — जो SIR प्रक्रिया का हिस्सा है।
यह वाकया कुछ कारणों से खास रहा:
- 🔸 सुरक्षाकर्मियों ने BLO को रोक दिया — ममता बनर्जी के घर सुरक्षा व्यवस्था बहुत सख्त होती है। जब BLO पहुँचे तो सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि वे फॉर्म उन्हें दे दें, लेकिन BLO ने इंकार कर दिया।
- 🔸 BLO ने चुनाव आयोग के नियमों का हवाला दिया — उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार, फॉर्म सीधे मतदाता को ही सौंपा जाना चाहिए, चाहे वह कोई भी हो।
- 🔸 सुरक्षा जांच के बाद BLO को अंदर भेजा गया — जांच के बाद BLO को सीएम के आवास के भीतर स्थित कार्यालय में भेजा गया, जहाँ ममता बनर्जी ने खुद फॉर्म लिया।
- 🔸 सीएम ने कहा कि फॉर्म भरकर जमा करेंगे — उन्होंने मुस्कुराते हुए BLO से कहा कि फॉर्म भरने के बाद उन्हें सूचित किया जाएगा।
🧭 राजनीतिक संदेश क्या है?
यह घटना अपने आप में एक राजनीतिक प्रतीक बन गई —
- एक तरफ ममता बनर्जी SIR का विरोध कर रही हैं,
- वहीं दूसरी ओर वे उसी प्रक्रिया के तहत खुद फॉर्म प्राप्त कर रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना जनता को यह संदेश भी देती है कि —
“चाहे कोई भी विरोध करे, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया सबके लिए समान है।”
वहीं, विपक्षी दल बीजेपी ने इस पर तंज कसा कि —
“दीदी खुद SIR के खिलाफ रैली करती हैं और फिर उसी SIR का फॉर्म लेती हैं। ये दोहरी राजनीति है।”
🕊️ टीएमसी की सफाई
टीएमसी नेताओं ने कहा कि ममता बनर्जी का विरोध प्रक्रिया के खिलाफ नहीं, बल्कि उसके दुरुपयोग के खिलाफ है।
उनका कहना है कि पार्टी सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहती है कि
“किसी भी नागरिक का नाम राजनीतिक कारणों से सूची से न काटा जाए।”
📊 वर्तमान स्थिति
- पश्चिम बंगाल में SIR की प्रक्रिया अभी जारी है।
- BLO घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन कर रहे हैं।
- राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले इसे राजनीतिक रूप से अत्यंत संवेदनशील माना जा रहा है।
