बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की सक्रिय भूमिका दिखाई दे रही है। यह दिलचस्प है क्योंकि यह दर्शाता है कि भाजपा अब राज्यों के नेताओं को “इंटर-स्टेट स्टार प्रचारक” के रूप में पेश कर रही है, खासकर हिंदी पट्टी में।
आइए पूरी खबर को विस्तार से और संदर्भ सहित समझते हैं 👇
🗓️ बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार — उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का पटना दौरा
🔹 सभा का स्थान व संदर्भ
- यह सभा पटना (बिहार) में आयोजित हुई, जहाँ छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया।
- बिहार में पहले चरण का मतदान होने वाला है (संभावित तारीखें 7–10 नवंबर के बीच बताई जा रही हैं), और इसी को ध्यान में रखकर भाजपा ने अन्य राज्यों के प्रमुख चेहरों को प्रचार के लिए मैदान में उतारा है।

🔹 विजय शर्मा के प्रमुख बयान — विषयवार विवरण
🗳️ 1. SIR और मतदाता सूची शुद्धिकरण पर जवाब
- राहुल गांधी ने हाल में एक जनसभा में मतदाता सूची में गड़बड़ी और भाजपा द्वारा “नाम काटने” के आरोप लगाए थे।
- इस पर विजय शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा — “राहुल बाबा को SIR पर भरोसा रखना चाहिए. मतदाता सूची का शुद्धिकरण ही SIR है. गलती हुई तो सुधार भी हो रहा है।”
- यहाँ “SIR (Special Intensive Revision)” यानी मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम का ज़िक्र है, जिसे चुनाव आयोग ने शुरू किया है।
- इस प्रक्रिया में डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाना,
- पते या उम्र की गलती सुधारना,
- और नई मतदाता प्रविष्टि जोड़ना शामिल है।
- छत्तीसगढ़ में भी यही प्रक्रिया हाल ही में शुरू की गई थी, और विजय शर्मा उसी का उदाहरण देकर राहुल गांधी को जवाब दे रहे थे।
🌍 2. राहुल गांधी के विदेश दौरों पर हमला
- विजय शर्मा ने कहा — “सेना के पराक्रम पर भरोसा रखो, विदेश जाकर भारत को बदनाम मत करो।”
- यह टिप्पणी राहुल गांधी के हालिया यूरोप और अमेरिका दौरों पर अप्रत्यक्ष हमला है, जहाँ राहुल ने लोकतंत्र और मानवाधिकार के मुद्दों पर भारतीय राजनीति की आलोचना की थी।
- भाजपा इसे “भारत-विरोधी छवि” बताकर चुनावी मुद्दा बना रही है।
🚫 3. नक्सलवाद पर सख्त रुख
- शर्मा ने साफ कहा — “हिंसा छोड़ो, पुनर्वास मिलेगा. नहीं तो अंजाम भुगतना पड़ेगा।”
- यह बयान नक्सल-प्रभावित इलाकों (झारखंड-बिहार की सीमाओं, और छत्तीसगढ़ से सटे इलाकों) में कड़ा संदेश देने के लिए दिया गया।
- भाजपा नक्सलवाद पर अपनी “Zero Tolerance Policy” दिखाकर कानून-व्यवस्था के पक्ष में वोटर को आकर्षित करना चाहती है।
- यह संदेश इस बात का भी संकेत है कि छत्तीसगढ़ मॉडल (जहाँ नक्सल हिंसा में कमी आई है) को बिहार में उदाहरण के रूप में दिखाया जा रहा है।
💼 4. तेजस्वी यादव के “2 करोड़ नौकरियों” वाले वादे पर निशाना
- शर्मा ने हंसते हुए कहा — “लालू परिवार को सत्ता चाहिए, जनता को नौकरी नहीं.”
- तेजस्वी यादव ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो 2 करोड़ सरकारी नौकरियां दी जाएंगी।
- भाजपा नेता इस वादे को “असंभव” और “झूठा” बताकर जनता को भ्रमित न होने की अपील कर रहे हैं।
- शर्मा का यह बयान लालू-तेजस्वी परिवार के “वंशवाद” और “भ्रष्टाचार” को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा है।
🌸 5. एनडीए की लहर का दावा
- विजय शर्मा ने आत्मविश्वास जताते हुए कहा — “बिहार में फिर कमल खिलेगा.”
- उनका मतलब था कि भाजपा-जेडीयू गठबंधन (NDA) को स्पष्ट बहुमत मिलेगा।
- इस बयान को छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय के हालिया कथन (“एनडीए स्पष्ट बहुमत से सरकार बना रहा है”) से जोड़कर देखा जा रहा है — यानी पार्टी ने एक एकीकृत प्रचार नैरेटिव तैयार किया है।
🔹 राजनीतिक विश्लेषण (अर्थ और असर)
| बिंदु | विश्लेषण |
|---|---|
| 1. SIR पर फोकस | विजय शर्मा ने “मतदाता सूची का शुद्धिकरण” को रक्षात्मक नहीं बल्कि सुधारात्मक पहल बताया। इससे भाजपा “पारदर्शिता” का संदेश देना चाहती है। |
| 2. राहुल गांधी पर तंज | राहुल को “विदेश जाकर भारत की छवि खराब करने वाला” बताना भाजपा की राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा है — भावनात्मक मुद्दा बनाकर मतदाताओं को जोड़ना। |
| 3. नक्सल मुद्दा | बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में नक्सल हिंसा और बेरोजगारी दोनों चुनावी मुद्दे हैं। इसलिए “हिंसा छोड़ो, विकास अपनाओ” संदेश भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से उपयोगी है। |
| 4. तेजस्वी पर निशाना | भाजपा यह दिखाना चाहती है कि राजद का “नौकरी वादा” अव्यावहारिक है — और लालू परिवार की साख अब कमजोर पड़ चुकी है। |
| 5. NDA लहर का दावा | पार्टी प्रचारक “विकास बनाम वंशवाद” का नैरेटिव बनाकर स्पष्ट बहुमत का माहौल बना रहे हैं। |
🔹 सारांश
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की यह सभा बिहार चुनाव में भाजपा की बहु-राज्यीय रणनीति का हिस्सा है — जहाँ छत्तीसगढ़ और झारखंड के प्रभावशाली चेहरे सीमावर्ती इलाकों में प्रचार कर रहे हैं।
उनका भाषण मुख्यतः तीन बिंदुओं पर टिका था —
1️⃣ SIR यानी मतदाता सूची की शुद्धता का बचाव,
2️⃣ राहुल गांधी की आलोचना (विदेश और सेना मुद्दे पर),
3️⃣ तेजस्वी के वादों को झूठा बताना और एनडीए को स्थिर सरकार बताना।
