स्थान: रायपुर | विषय: महापुरुषों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी विवाद | दिनांक: 8 नवंबर 2025
🔹 मामला क्या है
छत्तीसगढ़ की राजनीति और सामाजिक माहौल में इन दिनों छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना एवं जोहार पार्टी के नेता अमित बघेल के बयान को लेकर भारी विवाद छिड़ गया है।
बघेल पर महापुरुषों के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है। इस बयान को लेकर समाज के विभिन्न वर्गों में गहरा रोष है, जिसके चलते रायपुर पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

🔹 गिरफ्तारी की मांग तेज
शुक्रवार को अग्रवाल समाज और सिंधी समाज के प्रतिनिधियों ने रायपुर में महाधरना आंदोलन किया।
इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि —
“अमित बघेल ने हमारे आदर्शों और महापुरुषों का अपमान किया है। यह केवल एक समाज का नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की अस्मिता का मामला है।”
उन्होंने मांग की कि —
- अमित बघेल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया जाए।
- प्रशासन 72 घंटे के भीतर कार्रवाई करे, अन्यथा राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी गई है।
🔹 पुलिस की कार्रवाई और छापेमारी
- एफआईआर दर्ज होने के बाद रायपुर पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर ली है।
- सूत्रों के मुताबिक, एसीएसीयू क्राइम ब्रांच की एक टीम संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
- गुरुवार को पुलिस ने सुंदरनगर क्षेत्र में सर्व छत्तीसगढ़िया समाज की बैठक पर निगरानी रखी, लेकिन अमित बघेल वहां नहीं पहुंचे।
- शुक्रवार को फिर एक गोपनीय बैठक होने की सूचना मिली, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले कोई ठोस जानकारी नहीं मिली।
🔹 सर्व छत्तीसगढ़िया समाज की प्रतिक्रिया
इधर, सर्व छत्तीसगढ़िया समाज ने एक अलग रुख अपनाते हुए गुरुवार को बैठक में तीन सूत्रीय प्रस्ताव पारित किए —
1️⃣ अमित बघेल के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग।
2️⃣ मुख्यमंत्री से प्रत्यक्ष भेंट कर इस मुद्दे पर वार्ता करने का निर्णय।
3️⃣ समाज के बीच सौहार्द्र और शांति बनाए रखने का आह्वान।
शुक्रवार को भी इस संगठन की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश स्तरीय महारैली आयोजित करने पर विचार हुआ, हालांकि तारीख अभी तय नहीं की गई है।
🔹 समाजों में बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति
- अग्रवाल और सिंधी समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की, तो वे 72 घंटे बाद बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेंगे।
- वहीं, छत्तीसगढ़िया समाज ने इसे “सांप्रदायिक सौहार्द्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” का मामला बताया है।
- इस विरोध और समर्थन के बीच प्रशासन ने हालात पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है।
🔹 प्रशासन की स्थिति
- पुलिस सूत्रों के अनुसार, “अमित बघेल की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश की जा रही है। कई जगहों पर दबिश दी गई है। जैसे ही ठोस सूचना मिलेगी, गिरफ्तारी की जाएगी।”
- सुरक्षा दृष्टि से रायपुर, भिलाई, दुर्ग और महासमुंद जिलों में सतर्कता बढ़ाई गई है।
- पुलिस ने कहा है कि किसी भी समाज या समूह को कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा।
🔹 आगे की संभावनाएँ
आगामी दिनों में स्थिति और गरमा सकती है, क्योंकि:
- सामाजिक संगठनों द्वारा महारैली या राज्यव्यापी बंद की घोषणा हो सकती है।
- प्रशासन और पुलिस पर गिरफ्तारी का दबाव बढ़ेगा।
- राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था और सामाजिक संतुलन दोनों बनाए रखने की चुनौती होगी।
🔹 निष्कर्ष
यह मामला अब केवल एक व्यक्ति के बयान तक सीमित नहीं रहा — यह सामाजिक अस्मिता, अभिव्यक्ति की सीमा और प्रशासनिक निर्णयों की कसौटी पर आ गया है।
अगले 72 घंटे इस विवाद की दिशा तय कर सकते हैं — क्या अमित बघेल की गिरफ्तारी होगी या मामला राजनीतिक-सामाजिक संवाद से सुलझेगा, यह आने वाला समय बताएगा।
