4 नवम्बर को लालखदान/गतोरा के नजदीक हुए कोरबा–बिलासपुर MEMU बनाम मालगाड़ी टकराने वाले हादसे में बीएससी (गणित) छात्रा महविश परवीन (डी.पी. विप्र कॉलेज) की अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई; इससे जुड़े मृतक-आंकड़ों और शुरुआती जांच के निष्कर्ष नीचे दिए गए हैं।
1) घटना का संक्षेप और टाइमलाइन
- हादसा 4 नवम्बर 2025 को हुआ — कोरबा-बिलासपुर MEMU पैसेंजर ट्रेन लालखदान (Lalkhadan) / गतोरा (Gatora) के पास एक स्थिर (स्टेशन्ड) मालगाड़ी से टकरा गई थी।
- दुर्घटना के तुरंत बाद घायलों को पहले स्थानीय सिम्स (SIMS) अस्पताल लाया गया; जिनकी हालत गंभीर थी उन्हें रैफर कर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।

2) महविश परवीन — चोटें और इलाज
- पहचान: महविश परवीन, डी.पी. विप्र कॉलेज, बिलासपुर — बी.एस.सी. (गणित) की नियमित छात्रा। उसने अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के बाद 4 नवम्बर की ट्रेन से बिलासपुर लौट रही थी।
- चोटें: महिला कोच में होने के कारण भीषण दबाव के चलते उसके दोनों पैर लोहे के एंगल के नीचे दब गए; पैरों पर मल्टिपल फ्रैक्चर, कॉलरबोन और कई पसलियों में फ्रैक्चर की रिपोर्टें हैं। चिकित्सकीय हालत बहुत गंभीर थी और एक सप्ताह तक उपचार चलने के बाद उन्होंने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
3) मृतकों की संख्या — रिपोर्टों में अंतर
- विभिन्न समाचार-स्रोतों ने शुरुआती और बाद की कवरेज में अलग-अलग आंकड़े दिए: प्रारम्भिक रिपोर्टें कुल 11 मृत बताती थीं, बाद में कुछ लोकल स्त्रोत और स्थानीय समाचारों ने संख्या 12 बताया, तथा एक स्रोत में 13 का जिक्र भी दिखा। यानी मृत्यु-आंकड़ा अपडेट होते रहा — अभी सबसे हालिया स्थानीय राइट-अप में 12 (और कुछ जगह 13 का हवाला) दर्ज है। (सूत्र उदाहरण)।
नोट: हादसों में मृतकों/घायल-आँकड़ों में शुरुआती दिनों में बढ़ोतरी या घटाव सामान्य है क्योंकि कुछ घायलों की स्थिति समय के साथ बदल सकती है और शव-उद्धार/पहचान कार्य जारी रहते हैं।
4) शुरुआती जांच-निष्कर्ष (रेलवे/प्रारम्भिक रिपोर्ट)
- दक्षिण-पूर्व केंद्रीय रेलवे (SECR) की प्रारम्भिक रिपोर्ट/रिपोर्टिंग में संकेत मिला है कि कूCrew ने ‘danger’ (रिस्क/रेड) सिग्नल पर ट्रेन को सही समय पर नियंत्रित/रोकने में विफलता दिखाई — यानी SPAD (Signal Passed At Danger) का केस बनता प्रतीत होता है। प्रारम्भिक ब्रेक-टेस्ट और डाटा-लॉग की जाँच की जा रही है।
5) प्रभावित क्षेत्र और त्वरित कार्यवाही
- मौके पर रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने रेस्क्यू और घायलों के परिवहन में संसाधन लगाए; घायलों का इलाज जिला/नज़दीकी निजी-अस्पतालों में जारी रहा। मीडिया रिपोर्टों में डीआरएम/रेलवे अधिकारियों के बयानों और प्राथमिक जाँच के हवाले दिए गए हैं।
6) भावनात्मक और सामाजिक पहलू
- रिपोर्टों में बताया गया है कि कई यात्री सामान्य घरेलू/यात्रा कारणों से ट्रेन में सवार थे (शादी/घर वापसी इत्यादि), तथा स्थानीय समुदाय और कॉलेज में शोक-माहौल है। मृतकों में विद्यार्थी होने की खबर स्थानीय स्तर पर संवेदना पैदा कर रही है।
7) क्या आगे होगा — संभावित प्रक्रियाएँ
- रेल विभाग की औपचारिक जांच (जांच समिति/पोस्ट-क्रैश इनक्वायरी) — ड्राइवर/क्रू की भूमिका, सिग्नल सिस्टम, ब्रेक सिस्टम और ट्रेन-लॉग की पड़ताल की जाएगी। यदि SPAD साबित हुआ तो अनुशासनात्मक/कानूनी कार्रवाई और प्रक्रियागत सुधार की सिफारिशें आ सकती हैं।
- परिवारों के लिए दुर्घटना मुआवजा/राहत (रेलवे प्रावधान अनुसार) और स्थानीय प्रशासन-सहायता की खबरें आमतौर पर आगे जारी होती हैं — इनकी पुष्टि के लिए राज्य/रेलवे के आधिकारिक बयानों की प्रतीक्षा करनी चाहिए। (अभी उपलब्ध स्थानीय समाचारों में मुआवजे के आधिकारिक ऐलान का हवाला नहीं मिला)।
