1. मुख्य उद्देश्य
राज्य सरकार ने पाया कि पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षाओं (विशेषकर 10वीं व 12वीं) में परिणाम अपेक्षा से कम रहे।
इसी को ध्यान में रखते हुए अब स्कूल शिक्षा विभाग ने तय किया है कि —
“राज्यभर के स्कूलों में शिक्षण, मूल्यांकन और उपस्थिति की गुणवत्ता की सख्त मॉनिटरिंग की जाएगी।”
इसके लिए 22 वरिष्ठ अफसरों को जिलों में भेजा जा रहा है, ताकि वे फील्ड में जाकर वास्तविक स्थिति देख सकें और रिपोर्ट दें।

🔹 2. मॉनिटरिंग की ज़िम्मेदारी
शिक्षा विभाग ने संयुक्त संचालक से लेकर सहायक संचालक स्तर तक के 22 अधिकारियों को जिलों की जिम्मेदारी दी है।
ये अधिकारी अपने-अपने जिलों में जाकर:
- जिला अधिकारियों की बैठक लेंगे,
- स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे,
- और गुणवत्ता सुधार कार्यों की प्रगति रिपोर्ट तैयार करेंगे।
👉 सभी अधिकारियों को 20 नवंबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट लोक शिक्षण संचालनालय (Directorate of Public Instruction, D.L.E.) को प्रस्तुत करनी होगी।
🔹 3. परीक्षा परिणाम सुधार के लिए कार्ययोजना (Action Plan)
शिक्षा विभाग ने एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई है, जिसके प्रमुख बिंदु हैं:
📘 (1) नियमित मूल्यांकन (Unit Test)
- हर माह छात्रों का यूनिट टेस्ट आयोजित किया जाएगा।
- इसके माध्यम से छात्रों की निरंतर प्रगति और कमजोर बिंदु पहचाने जाएंगे।
🧩 (2) ब्लूप्रिंट की जानकारी
- बोर्ड परीक्षा से पहले छात्रों को ब्लूप्रिंट (प्रश्न-पत्र की संरचना) से अवगत कराया जाएगा।
- ताकि वे पैटर्न और अंक वितरण के अनुसार तैयारी कर सकें।
🤝 (3) कमजोर छात्रों के लिए मेंटरशिप योजना
- जिन छात्रों का प्रदर्शन कमजोर है, उनके लिए स्कूल के शिक्षकों को मेंटर्स (मार्गदर्शक) बनाया जाएगा।
- हर मेंटर कुछ छात्रों के समूह की व्यक्तिगत तैयारी, होमवर्क और उपस्थिति की जिम्मेदारी लेंगे।
✍️ (4) हैंडराइटिंग और होमवर्क पर विशेष ध्यान
- छात्रों की लेखन क्षमता और नियमित अभ्यास पर जोर दिया जाएगा।
- शिक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि हर छात्र का होमवर्क और कॉपी जाँच समय पर हो।
📚 (5) मूल्यांकन प्रणाली में पारदर्शिता
- छमाही परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन दूसरे स्कूलों में किया जाएगा।
- वार्षिक परीक्षा की कॉपियाँ दूसरे विकासखंडों के शिक्षकों द्वारा जाँची जाएंगी, ताकि पक्षपात न हो।
🧑🏫 (6) उपस्थिति और अनुशासन
- बच्चों और शिक्षकों दोनों की नियमित उपस्थिति पर सख्ती से नज़र रखी जाएगी।
- अनुपस्थित या लापरवाह शिक्षकों पर कार्रवाई संभव है।
🔹 4. निरीक्षण करने वाले 22 अधिकारी और उनके जिले
शिक्षा विभाग ने जिन अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है, उनकी पूरी सूची इस प्रकार है 👇
| अधिकारी का नाम | पद / स्तर | आबंटित जिले |
|---|---|---|
| किशोर कुमार | संयुक्त संचालक | जगदलपुर, बीजापुर |
| आशुतोष चावरे | उप संचालक | बालोद, गरियाबंद |
| राकेश पांडेय | उप संचालक | बलरामपुर, जशपुर |
| हेमन्त उपाध्याय | उप संचालक | सारंगढ़-बिलाईगढ़, सक्ती |
| आर. एल. ठाकुर | उप संचालक | कवर्धा, दुर्ग |
| अशोक नारायण बंजारा | उप संचालक | बिलासपुर, रायगढ़ |
| बनवारी देवांगन | उप संचालक | कोरिया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (MCB) |
| आनंद सारस्वत | उप संचालक | कांकेर |
| राजेश सिंह | उप संचालक | सुकमा, नारायणपुर |
| डी. के. कौशिक | उप संचालक | दंतेवाड़ा, राजनांदगांव |
| महेश नायक | सहायक संचालक | महासमुंद, रायपुर |
| हरिश्चंद्र दिलावर | सहायक संचालक | मुंगेली |
| अमरदास कुर्रे | सहायक संचालक | धमतरी |
| लवकुमार साहू | सहायक संचालक | बेमेतरा |
| आदित्य पाटनवार | सहायक संचालक | गौरेला-पेंड्रा-मरवाही |
| रामजी पाल | सहायक संचालक | कोरबा |
| सतीश नायर | सहायक संचालक | जांजगीर-चांपा |
| इंदिरा गांधी | सहायक संचालक | बलौदाबाजार |
| बजरंग प्रजापति | सहायक संचालक | मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी |
| ओमप्रकाश देवांगन | सहायक संचालक | कोंडागांव |
| प्रकाशचंद्र मिश्र | सहायक संचालक | सूरजपुर |
| अखिलेश तिवारी | सहायक संचालक | अंबिकापुर |
🔹 5. समग्र लक्ष्य
इस पहल का अंतिम उद्देश्य है —
“राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और बोर्ड परीक्षा में रिज़ल्ट प्रतिशत 80% से ऊपर लाना।”
विभाग मानता है कि मॉनिटरिंग और जवाबदेही से शिक्षकों की सक्रियता, विद्यार्थियों की तैयारी और अभिभावकों का भरोसा तीनों मजबूत होंगे।
🔹 6. संभावित प्रभाव
- 📈 स्कूलों में अनुशासन और अध्ययन वातावरण में सुधार।
- 📊 परीक्षा परिणामों में वृद्धि।
- 👩🏫 शिक्षकों की जवाबदेही सुनिश्चित।
- 🧑🎓 कमजोर छात्रों के लिए व्यक्तिगत मार्गदर्शन।
- 📋 प्रशासनिक स्तर पर जवाबदेही और पारदर्शिता।
🔸 सारांश
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग अब “रिजल्ट सुधार मिशन” के तहत
22 वरिष्ठ अफसरों को जिलों में भेज रहा है, जो स्कूलों की मॉनिटरिंग,
शिक्षकों की बैठक, और छात्रों की पढ़ाई की वास्तविक स्थिति का आकलन करेंगे।
लक्ष्य है — 2026 की बोर्ड परीक्षाओं में परिणाम सुधार और
राज्यभर में शिक्षण-गुणवत्ता को नई दिशा देना।
