📍स्थान:
राजीव भवन, रायपुर (प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय)
🕐 समय:
दोपहर 1 बजे से बैठक शुरू होगी।

🧩 बैठक का मुख्य एजेंडा
बैठक का केंद्र बिंदु रहेगा —
👉 प्रदेश में चल रही SIR प्रक्रिया (Special Investigation Report या जांच प्रक्रिया) पर राजनीतिक व रणनीतिक समीक्षा और कांग्रेस की आगामी रणनीति तय करना।
क्या है SIR प्रक्रिया?
- “SIR” यानी Special Investigation Report — यह राज्य सरकार या केंद्रीय एजेंसियों द्वारा चल रही जांच या विशेष रिपोर्ट प्रक्रिया से जुड़ा मामला है।
- कांग्रेस का आरोप है कि वर्तमान भाजपा सरकार इन जांचों का राजनीतिक दुरुपयोग कर रही है।
- पार्टी का मानना है कि SIR प्रक्रिया के ज़रिए पूर्व कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लिए गए निर्णयों, योजनाओं और नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
👥 बैठक में शामिल प्रमुख नेता
- दीपक बैज – प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (PCC Chief)
- डॉ. चरणदास महंत – नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा
- भूपेश बघेल – पूर्व मुख्यमंत्री
- मोहन मरकाम – समिति संयोजक व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
- अन्य सदस्य – AICC निगरानी समिति के सदस्य, वरिष्ठ पदाधिकारी, विधायकों का समूह
इन सभी नेताओं की मौजूदगी बताती है कि बैठक उच्च-स्तरीय रणनीतिक निर्णयों के लिए बुलाई गई है।
🧭 बैठक का संभावित एजेंडा (मुख्य बिंदु)
- SIR जांचों पर कांग्रेस का रुख तय करना –
- किस प्रकार पार्टी सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया देगी।
- कानूनी टीम और प्रवक्ताओं को क्या दिशा दी जाएगी।
- राजनीतिक जवाबी रणनीति बनाना –
- भाजपा सरकार पर “राजनीतिक बदले की भावना” के आरोप को मजबूत तरीके से पेश करना।
- मीडिया और जनजागरण अभियान की रूपरेखा तैयार करना।
- नेताओं की सुरक्षा व प्रतिष्ठा की रक्षा –
- जिन नेताओं पर SIR जांचें चल रही हैं, उनके कानूनी बचाव की तैयारी।
- संगठनात्मक एकजुटता बनाए रखना।
- AICC को रिपोर्ट तैयार करना –
- बैठक के निष्कर्षों की रिपोर्ट बनाकर कांग्रेस हाईकमान (AICC दिल्ली) को भेजी जाएगी।
🧮 राजनीतिक महत्व
- यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है जब प्रदेश की राजनीति में जांच, जवाबदेही और प्रतिशोध के आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।
- कांग्रेस इस मंच के जरिए एकजुटता का संदेश देना चाहती है और बताना चाहती है कि पार्टी “राजनीतिक दबाव में नहीं झुकेगी।”
- यह बैठक आने वाले स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों से पहले संगठन की आंतरिक सक्रियता दिखाने का भी माध्यम है।
🔎 पृष्ठभूमि
- AICC ने हर प्रदेश में “Monitoring Committee” गठित की है जो यह देखती है कि
- केंद्र या राज्य स्तर पर पार्टी नेताओं के खिलाफ होने वाली जांचों की प्रकृति क्या है,
- कहाँ राजनीतिक हस्तक्षेप हो रहा है,
- और पार्टी स्तर पर उसका जवाब कैसे दिया जाए।
- छत्तीसगढ़ में यह समिति मोहन मरकाम की देखरेख में काम कर रही है।
🗣️ संभावित बयान और आगे की दिशा
बैठक के बाद:
- कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष या प्रवक्ता प्रेस ब्रीफिंग कर सकते हैं।
- संभावना है कि पार्टी SIR प्रक्रिया के खिलाफ तीखा बयान जारी करेगी और इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” करार देगी।
- कुछ आंदोलनात्मक कार्यक्रम (जैसे जिला स्तर पर विरोध या धरना) की घोषणा भी की जा सकती है।
🔮 आगे का प्रभाव
- यह बैठक कांग्रेस की राजनीतिक सक्रियता का संकेत मानी जा रही है।
- पार्टी संगठन को मजबूत करने और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश होगी।
- इससे राज्य की राजनीति में भाजपा बनाम कांग्रेस की नई रणनीतिक भिड़ंत की शुरुआत हो सकती है।
