“जनजाति गौरव दिवस” (Tribal Pride Day) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उससे जुड़ी राज्यव्यापी तैयारियों से जुड़ी है। आइए विस्तार से समझते हैं कि आज का दिन क्यों महत्वपूर्ण है, भाजपा क्या करने जा रही है, और इसका राजनीतिक व सामाजिक महत्व क्या है 👇
🏹 जनजाति गौरव दिवस 2025 — भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती
📅 तारीख:
15 नवंबर 2025 (आज)
📍 विशेष अवसर:
यह दिन भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है।
भारत सरकार ने 2021 से इस दिन को “जनजाति गौरव दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

🙏 भगवान बिरसा मुंडा कौन थे?
- बिरसा मुंडा (1875–1900) झारखंड क्षेत्र के महान जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे।
- उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ उलगुलान (महा आंदोलन) का नेतृत्व किया।
- वे आदिवासी समुदायों में संस्कृति, आत्मसम्मान, जल-जंगल-जमीन की रक्षा और सामाजिक सुधार के प्रतीक माने जाते हैं।
- देशभर के आदिवासी समाज में उन्हें “धरती आबा” (पृथ्वी पिता) के रूप में पूजा जाता है।
🏛️ भाजपा की राज्यव्यापी बड़ी तैयारी
🎤 कार्यक्रम का प्रारूप:
आज छत्तीसगढ़ भर में भाजपा द्वारा समानांतर प्रेस वार्ताएँ (Press Conferences) आयोजित की जा रही हैं।
इसका उद्देश्य है —
👉 बिरसा मुंडा सहित जनजातीय नायकों के योगदान को याद करना,
👉 केंद्र और राज्य सरकार की जनजातीय योजनाओं को जनता तक पहुँचाना,
👉 और भाजपा की “जनजातीय समावेशी नीति” का प्रचार करना।
🗣️ प्रमुख स्थान और नेता
- रायपुर —
- प्रेस वार्ता में कृषि मंत्री रामविचार नेताम मीडिया को संबोधित करेंगे।
- वे राज्य के वरिष्ठ जनजातीय नेता हैं और आदिवासी समाज में प्रभाव रखते हैं।
- बलौदाबाजार-भाटापारा —
- मंत्री केदार कश्यप प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
- वे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और जनजातीय मामलों पर सक्रिय हैं।
- अन्य जिलों में —
- भाजपा के सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष और संगठन पदाधिकारी प्रेसवार्ताएँ लेकर स्थानीय स्तर पर बिरसा मुंडा के विचारों और योजनाओं पर चर्चा करेंगे।
📋 प्रेस वार्ताओं का मुख्य एजेंडा
- जनजातीय नायकों का सम्मान और योगदान पर चर्चा
- बिरसा मुंडा, रानी दुर्गावती, तंत्या भील, वीर नारायण सिंह जैसे जननायकों की वीरगाथाएँ।
- केंद्र सरकार की योजनाओं का प्रचार
- प्रधानमंत्री आदिवासी कल्याण मिशन, वन धन योजना, एकलव्य आवासीय विद्यालय, पीएम जनजातीय विकास कार्यक्रम आदि।
- राज्य सरकार की पहलें
- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की जनजातीय पृष्ठभूमि को भी भाजपा एक “प्रेरक उदाहरण” के रूप में प्रस्तुत करेगी।
- छत्तीसगढ़ में जनजातीय अंचलों के लिए चल रही विकास योजनाएँ — सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास।
- “सबका साथ, सबका विकास” अभियान के अंतर्गत जनजातीय एकता का संदेश
- भाजपा इस अवसर को जनजातीय समाज के साथ अपने संबंधों को और मज़बूत करने के अवसर के रूप में देख रही है।
🎊 कार्यक्रम का स्वरूप
- प्रत्येक जिला मुख्यालय और कुछ ब्लॉक स्तरों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुष्पांजलि, और प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है।
- जनजातीय परंपरागत नृत्य, गीत और लोककला प्रदर्शन होंगे।
- कई जगहों पर जनजातीय छात्र-छात्राओं को सम्मान भी दिया जाएगा।
🧭 राजनीतिक महत्व
- यह आयोजन भाजपा के लिए केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश का अवसर भी है।
- छत्तीसगढ़ में जनजातीय सीटों की संख्या 29 से अधिक है — जो राज्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाती हैं।
- भाजपा यह दिखाना चाहती है कि वह आदिवासी समाज की असली प्रतिनिधि पार्टी है।
- साथ ही, यह संदेश देना कि भाजपा सरकार केंद्र और राज्य स्तर पर जनजातीय कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध है।
🔮 भविष्य की दिशा
- आने वाले हफ्तों में भाजपा “जनजाति गौरव सप्ताह” के रूप में कई जिलों में जनसभाएँ, रैलियाँ, और शिविर आयोजित करने की योजना बना रही है।
- इसमें केंद्र के जनजातीय मंत्रालय से जुड़ी प्रदर्शनियाँ और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की बातचीत भी शामिल होगी।
📜 संक्षेप में
| पहलू | विवरण |
|---|---|
| अवसर | भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती |
| आयोजन | भाजपा की राज्यव्यापी प्रेस वार्ताएँ |
| मुख्य नेता | रामविचार नेताम, केदार कश्यप, अन्य जिला नेता |
| फोकस | जनजातीय नायकों का सम्मान, विकास योजनाएँ, सांस्कृतिक गौरव |
| राजनीतिक अर्थ | आदिवासी समुदाय में भाजपा की पकड़ मज़बूत करना |
