छत्तीसगढ़ के खेल और जनजातीय क्षेत्र दोनों के लिए ऐतिहासिक अवसर है। आइए इसे विस्तार से, चरण-दर-चरण समझते हैं 👇
🏆 पहली बार छत्तीसगढ़ में खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स 2025
📍स्थान:
रायपुर और बस्तर (जगदलपुर)
📅 आयोजन:
संभावना है कि आयोजन 2026 की शुरुआत में या 2025 के अंत में किया जाएगा (अंतिम तारीख जल्द तय की जाएगी)।
इसकी तैयारियों की शुरुआत साई – भारतीय खेल प्राधिकरण (Sports Authority of India) की टीम ने कर दी है।

🎯 क्या हैं ‘खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स’?
- “खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स” भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना का एक नया संस्करण है।
- इसका उद्देश्य है –
👉 जनजातीय (Tribal) युवाओं के पारंपरिक खेलों, एथलेटिक प्रतिभा और स्थानीय खेल-संस्कृति को राष्ट्रीय मंच देना।
👉 “खेलो इंडिया यूथ गेम्स” और “खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स” की तरह अब ट्राइबल क्षेत्रों पर विशेष ध्यान। - यह आयोजन खेलो इंडिया मिशन के तहत साई और जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से हो रहा है।
🏟️ छत्तीसगढ़ को क्यों चुना गया
- जनजातीय जनसंख्या — राज्य की लगभग 32% आबादी जनजातीय समुदायों से आती है।
- खेल प्रतिभा की भरमार — खासकर बस्तर, सरगुजा, जशपुर, कोरिया, कांकेर जैसे जिलों में प्राकृतिक एथलेटिक और आर्चरी प्रतिभाएँ हैं।
- खेल अवसंरचना (Infrastructure) — रायपुर में अंतरराष्ट्रीय दर्जे का बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम, हॉकी स्टेडियम, और राजनांदगांव का एस्ट्रोटर्फ ग्राउंड उपलब्ध है।
- केंद्र व राज्य सरकार का सहयोग — मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केंद्रीय खेल मंत्रालय दोनों ने छत्तीसगढ़ को उपयुक्त माना।
🔎 साई टीम का निरीक्षण दौरा
- निरीक्षण दल का नेतृत्व ममता ओझा, Director (Khelo India Events), Sports Authority of India ने किया।
- टीम ने रायपुर और बस्तर दोनों जगहों का दौरा किया।
निरीक्षण के मुख्य बिंदु:
- रायपुर:
- रेसलिंग (कुश्ती)
- फुटबॉल
- हॉकी
- कबड्डी
- वेटलिफ्टिंग
इन खेलों के लिए चयनित मैदानों का निरीक्षण किया गया।
- बस्तर (जगदलपुर):
- एथलेटिक्स (दौड़, लंबी कूद, शॉट पुट आदि)
- आर्चरी (तीरंदाजी)
इन आयोजनों के लिए लालबाग स्टेडियम और सर्किट हाउस परिसर को संभावित स्थल माना गया है।
🧩 संभावित खेलों की सूची
| क्रम | खेल | स्थान |
|---|---|---|
| 1 | कुश्ती (Wrestling) | रायपुर |
| 2 | हॉकी | रायपुर |
| 3 | फुटबॉल | रायपुर |
| 4 | कबड्डी | रायपुर |
| 5 | वेटलिफ्टिंग | रायपुर |
| 6 | एथलेटिक्स | बस्तर (जगदलपुर) |
| 7 | आर्चरी | बस्तर (जगदलपुर) |
🧒 प्रतिभागी कौन होंगे
- देशभर के जनजातीय बहुल राज्यों — झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, नागालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल — से लगभग 3,000 खिलाड़ी भाग लेंगे।
- खिलाड़ी 14–21 वर्ष आयु वर्ग में होंगे।
- स्थानीय आदिवासी पारंपरिक खेलों जैसे खो-खो, तीरंदाजी, दौड़, कुश्ती और कबड्डी को प्राथमिकता दी जाएगी।
🏅 आयोजन के उद्देश्य
- जनजातीय युवाओं की खेल प्रतिभा को पहचान और राष्ट्रीय स्तर पर मंच देना।
- पारंपरिक खेलों और आदिवासी संस्कृति का संरक्षण।
- राज्य की खेल अधोसंरचना का विकास।
- खेल पर्यटन को बढ़ावा देना — खासकर बस्तर क्षेत्र में।
- ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करना।
🎖️ राज्य सरकार और केंद्र की भूमिका
- केंद्रीय खेल मंत्रालय फंडिंग और तकनीकी दिशा तय करेगा।
- छत्तीसगढ़ खेल विभाग आयोजन की मेजबानी और व्यवस्थाओं का जिम्मा संभालेगा।
- आयोजन में स्थानीय कलाकारों, स्वयंसेवकों और जनजातीय समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
💬 अधिकारियों की प्रतिक्रिया
- ममता ओझा (साई निदेशक) ने कहा: “छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति, जनजातीय संस्कृति और खेल अवसंरचना इसे ट्राइबल गेम्स के लिए उपयुक्त बनाती है।”
- राज्य खेल विभाग के अफसरों ने बताया कि “आयोजन से राज्य के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर का अनुभव मिलेगा और खेल प्रशिक्षण सुविधाओं में भी वृद्धि होगी।”
🌟 संभावित प्रभाव
- बस्तर और रायपुर में खेल सुविधाओं का उन्नयन होगा।
- स्थानीय युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता और उत्साह बढ़ेगा।
- राज्य के लिए यह अवसर होगा कि वह अपने आप को राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिला सके।
- आर्थिक दृष्टि से भी पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र को लाभ होगा।
📜 संक्षेप सारणी
| पहलू | विवरण |
|---|---|
| आयोजन का नाम | खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स 2025 |
| पहली बार मेजबान | छत्तीसगढ़ |
| आयोजन स्थल | रायपुर और बस्तर |
| निरीक्षण नेतृत्व | ममता ओझा, निदेशक (खेलो इंडिया इवेंट्स, साई) |
| मुख्य खेल | कुश्ती, हॉकी, फुटबॉल, कबड्डी, वेटलिफ्टिंग, एथलेटिक्स, आर्चरी |
| उद्देश्य | जनजातीय प्रतिभा को मंच देना, संस्कृति-संवर्धन, खेल प्रोत्साहन |
