- ईडन गार्डन्स में सचिन तेंदुलकर से आगे
- इस पहले टेस्ट में जडेजा ने दूसरी पारी में अपने स्पिन का दूसरा विकेट चटकाया तो उनके विकेटों का कुल (Eden Gardens में) आंकड़ा सचिन तेंदुलकर से ऊपर चला गया।
- सचिन ने ईडन गार्डन्स (टेस्ट मैचों में) 12 पारियों में 5 विकेट लिए थे, जबकि जडेजा ने इस मैदान पर अब उनसे अधिक विकेट लिए हैं। यह इसलिए खास है क्योंकि जडेजा को अक्सर “बल्लेबाज़ ऑलराउंडर” कहा जाता है, लेकिन गेंदबाज़ी में भी वे बहुत महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

- 4000 टेस्ट रन और 300+ विकेट का दुर्लभ डबल
- जडेजा ने इस मैच की पहली पारी में सिर्फ 10 रन बनाकर टेस्ट करियर में 4,000 रन पूरे कर लिए।
- इससे वे उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 4000 से अधिक रन और 300 से अधिक विकेट दोनों हासिल किए हैं।
- यह क्लब बहुत ही प्रतिष्ठित है, क्योंकि पहले इस डबल को केवल तीन दिग्गजों ने ही पूरा किया था:
- कपिल देव (भारत)
- इयान बॉथम (इंग्लैंड)
- डेनियल विटोरी (न्यूज़ीलैंड)
- गति और महत्त्व
- जडेजा ने यह डबल 88वें टेस्ट में पूरा किया है।
- उनकी यह गति भी खास है — क्योंकि इस तरह के ऑलराउंडर डबल को इतनी “जल्दी” (किसी खास टेस्ट संख्या में) हासिल करना आसान नहीं होता।
- उनके गेंदबाज़ी आँकड़े भी बेहद प्रभावशाली हैं: 338 विकेट के करीब (रिपोर्ट के अनुसार) और औसत 25.25 के आसपास।
- बल्लेबाज़ी में भी उन्होंने छह शतकों और 27 अर्धशतकों का योगदान दिया है।
इस उपलब्धि का महत्व और भारतीय क्रिकेट में स्थान
- ऑल-राउंडर की विरासत: जडेजा आधुनिक क्रिकेट में “सच्चे ऑलराउंडर” की परिभाषा को फिर से मजबूत कर रहे हैं। न सिर्फ बल्ले से, बल्कि गेंद से भी वे टीम इंडिया के लिए भरोसेमंद हथियार हैं। उनका यह 4000/300 डबल उन्हें कपिल देव, बॉथम और विटोरी जैसी ऑलराउंडर लीजन के करीब ले जाता है, जिसे बहुत कम ही खिलाड़ी पार कर पाते हैं।
- ईडन गार्डन्स की कहानियाँ: ईडन गार्डन्स जूनून भरा मैदान है — और वहां तेंदुलकर का नाम जुड़ा हुआ है। जडेजा का वहाँ टेस्ट विकेटों में सचिन को पीछे छोड़ना संकेत है कि वे न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बल्कि बड़े, प्रतिष्ठित स्टेडियमों में भी बड़े भरोसेमंद हैं।
- करियर की लंबी अवधि: 4,000 रन पार करना और 300 विकेट लेना यह दिखाता है कि जडेजा का करियर सिर्फ कुछ “तड़क-भड़क” तक सीमित नहीं है — वे लंबे समय से उच्च स्तर पर सक्रिय हैं और लगातार योगदान दे रहे हैं।
- दिग्गजों की क्लब: जैसा कि पहले कहा गया, इस डबल में शामिल होना बहुत सम्मान की बात है। यह जडेजा को क्रिकेट इतिहास में उन ऑलराउंडरों की लिस्ट में ले जाता है जिन्हें “बड़े मैच-खिलाड़ी” कहा जाता है।
संभावित आगे का परिदृश्य और नज़रें
- जडेजा की यह उपलब्धि टीम इंडिया के लिए बहुत बड़ी संपत्ति है — खासकर लंबी अवधि के टेस्ट सीरीज़ में। यदि वे फिट बने रहते हैं, तो वे और भी रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
- भविष्य में, उनका यह “4000-300” क्लब में बने रहना, और इस क्लब में अन्य दिग्गजों (जैसे बॉथम, कपिल देव) की तुलना में उनका प्रदर्शन, उन्हें खिलाड़ियों के बीच और भी अधिक सम्मान दिला सकता है।
- प्रशंसकों और विश्लेषकों की निगाहें जडेजा की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों पर बनी रहेंगी, क्योंकि ऐसे ऑलराउंडर जो दोनों में बढ़िया योगदान देते हैं, टीम के संतुलन के लिए बेहद जरूरी होते हैं।
