16 नवम्बर को सरगुजा संभागीय आबकारी उड़नदस्ता टीम ने सूरजपुर जिले के ग्राम चंद्रेली में छापेमारी कर 200 नशीले इंजेक्शन बरामद किए और शिकायत पर पहुँची टीम ने आरोपी रामबरत रवि को गिरफ्तार कर प्रतापपुर न्यायालय में पेश किया — जहाँ से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। बरामद इंजेक्शनों की अनुमानित कीमत करीब ₹1,00,000 बताई जा रही है।
2) बरामद मात्रा व प्रकार
टीम ने आरोपी के झोले की तलाशी में 100 REXOGESIC इंजेक्शन और 100 AVIL इंजेक्शन (कुल 200 नग) — यानी दो ब्रांड/प्रकार के इंजेक्शन—जब्त किए। स्थानीय रिपोर्टों में इन्हें बाजार मूल्य के हिसाब से लगभग एक लाख रुपये बताया गया .
3) कार्रवाई कैसे हुई (ऑपरेशन का क्रम)
- एक मुखबिर (सूत्र) की सूचना पर टीम ने आरोपी के घर दबिश दी।
- टीम को देखकर आरोपी झोला लेकर भागने की कोशिश कर रहा था, पर टीम ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया।
- पकड़े गए झोले से नशीले इंजेक्शन बरामद किए गए और उसके विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट की धारा 22(C) के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया।

4) किसने किया — किस टीम ने यह कार्रवाई की
कार्रवाई का नेतृत्व सहायक जिला आबकारी अधिकारी रंजीत गुप्ता ने किया। साथ में उड़नदस्ता टीम के सदस्य जिनका नाम रिपोर्ट में आया वे हैं — उपनिरीक्षक तेजराम केहरी, आरक्षक कुमारु राम, रमेश दुबे, अशोक सोनी, नगर सैनिक गणेश पांडे, रणविजय सिंह और महिला सैनिक अंजू एक्का। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सरगुजा संभाग में नशीले इंजेक्शन विक्रेताओं पर अब तक की लगभग 26वीं बड़ी कार्रवाई है।
5) आरोप-प्रकृति और कानूनी धाराएँ
आरोपी पर NDPS (नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस) एक्ट, धारा 22(C) के तहत मामला दर्ज किया गया है — जो नशीले पदार्थों की तस्करी/बिक्री/सप्लाई से संबंधित संज्ञेय अपराधों में आता है। इस धारणा के तहत सबूतों और मात्रा के आधार पर कठोर पेनल्टी संभावित है; केस की आगे की न्यायिक प्रक्रिया में आरोपित के खिलाफ अग्रिम सुनवाई/रिकॉर्ड आदि होंगे।
6) प्रासंगिक पृष्ठभूमि / बड़ा संदर्भ
- स्थानीय/संभागीय आबकारी टीम की ये कार्रवाई लगातार जारी है — रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों में इसी तरह की बड़ी कार्रवाइयों की संख्या अधिक रही है और यह 26वीं बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। इसका अर्थ यह है कि क्षेत्र में नशीले इंजेक्शन (अक्सर रेक्सोजेसिक, अविल जैसे दवाओं के गलत उपयोग) की सप्लाई/बिक्री के बड़े नेटवर्क या सिंगल-आउटलेट्स पर लगातार नकेल कसी जा रही है।
7) स्थानीय असर
- नशे के सौदागरों में हलचल: लगातार गिरफ्तारियों से अवैध सप्लायरों में दबाव बढ़ा है — स्थानीय मीडिया में “हड़कंप” शब्द का उपयोग हुआ है।
- जन-स्वास्थ्य/सुरक्षा: अवैध सप्लाई रूकी तो स्थानीय स्तर पर इंजेक्शन के गलत/खतरनाक इस्तेमाल से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम घट सकते हैं।
- कानूनी कार्रवाई आने वाली: आरोपी की हिरासत, सबूतों की फ़ोरेंसिक जाँच और अदालत में सुनवाई के बाद अधिक कार्रवाई/सज़ा संभव है।
8) आगे की प्रक्रिया — आप क्या उम्मीद कर सकते हैं
- पुलिस/आबकारी विभाग आगे की पूछताछ और सप्लाई चैन की तह तक जाँच कर सकता है — कि आरोपी अकेला था या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा।
- अदालत प्रक्रिया चलने के बाद आरोप प्रमाणित होने पर एनडीपीएस के तहत सजा व जमानत सम्बन्धी आदेश आएँगे।
- विभाग स्थानीय स्तर पर और छापेमारी बढ़ा भी सकता है — खासकर यदि इससे जुड़े और नाम/किश्तियाँ सामने आती हैं।
