आज सुबह आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू (Alluri Sitarama Raju) जिले — मारेदुमिल्ली/पुल्लागंडी जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों की मुठभेड़ में कुख्यात माओवादी कमांडर माडवी (Madvi) हिडमा मार गिराया गया — साथ में कुल लगभग 6 नक्सली मारे गये बताए जा रहे हैं।
विस्तार (कौन-कौन और कहाँ)
- ऑपरेशन मारेदुमिल्ली / पुल्लागंडी क्षेत्र में हुआ — यह वह त्रि-राज्य सीमा वाला घना जंगल इलाका है जहाँ बस्तर-एरियाज के कुख्यात समूह सक्रिय रहे हैं।
- रिपोर्ट्स के अनुसार मारे गएों में माडवी हिडमा (Madvi Hidma) के साथ-साथ उनकी पत्नी (अख़बारों में राजक्का / राजे नाम से जिक्र) और कुछ उच्चपदाधिकारियों/कॅडरों के सदस्य भी शामिल हैं — कुल संख्या लगभग 6। (नामों में रिपोर्ट्स में थोड़ी भिन्नता है; कुछ रिपोर्ट्स में टेक शंकर, सुलेश / सुरेश (SZCM), चेल्लुरी नारायण आदि का भी जिक्र है)।
माडवी हिडमा — कौन था और उसका महत्व
- हिडमा को CPI (माओवादी) का एक शीर्ष कमांडर माना जाता था — वह PLGA (People’s Liberation Guerrilla Army) की Battalion No.1 से जुड़ा शक्तिशाली नेतृत्व था और संगठन के केंद्रीय कमिटी (CCM) का एक युवा सदस्य बताया गया था।
- उस पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित था और वह दशकों से सुरक्षा एजेंसियों का सबसे वांछित/खतरनाक नक्सली नेता माना जाता था।
- उस पर कई घातक हमलों का आरोप रहा — मीडिया-स्रोत उसे कम से कम 26 बड़े सशस्त्र हमलों से जोड़ते हैं (जिनमें कई हाई-प्रोफाइल घटनाएँ शामिल हैं)।
कार्रवाई का तात्पर्य — क्यों यह बड़ा है
- प्रतीकात्मक और रणनीतिक झटका — हिडमा PLGA-1 के प्रमुख चेहरों में से था; उसके नष्ट होने से नक्सली कमान में शून्य और उनकी संचालन-क्षमता पर असर पड़ने की संभावना है।
- मनोबल पर असर — स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर नक्सलियों के मनोबल को यह घटना कमजोर कर सकती है; साथ ही सुरक्षा बलों का हौसला बढ़ेगा।
- संभावित अस्थायी प्रतिक्रिया — किसी बड़े नेता के ढेर होने पर नक्सलित संगठनों की ओर से शॉर्ट-टर्म प्रतिशोध या छिटपुट हमला होने की संभावना रहती है — जिले/राज्य में सतर्कता बढ़ेगी।
- कुल मारे जाने वालों के नामों और संख्या में अलग-अलग रिपोर्ट्स में थोड़ी भिन्नता है — कुछ आउटलेट 6 कह रहे हैं, कुछ में 4–6 तक का जिक्र है; पत्नी का नाम भी रिपोर्ट-टू-रिपोर्ट बदलता दिखता है (राजक्का/राजे)। इसलिए आधिकारिक पुलिस/राज्य प्रशासन बयान का इंतजार करना चाहिए ताकि अंतिम पुष्टिकरण हो सके।
आगे क्या देखने योग्य होगा
- पुलिस/जवानों की आधिकारिक प्रेस रिलीज़ — मारे गएों की पहचान, जिन अभियानों का हवाला दिया जा रहा है (किस वारदात में वह शामिल था), और जब्त हथियार/दस्तावेज़ों की जानकारी।
- स्थानीय सुरक्षा-हस्तक्षेप — अतिरिक्त कैंपिंग, पेट्रोलिंग, और सरकारी सक्रियता — ताकि किसी पलटवार को रोका जा सके।
- नक्सल गिरोह की प्रतिक्रिया — whether they claim the leader dead, retaliatory attacks, or reorganizational announcements.
- कानूनी/फोरेंसिक पुष्टिकरण — शवों की पहचान, पोस्ट-मॉर्टेम रिपोर्ट इत्यादि; इनसे घटना की कानूनी-प्रमाणिकता और सबूत मजबूत होंगे।
संक्षेप में (एक लाइन)
सुरक्षा बलों को आज दूरदराज के जंगल में एक बड़ा कामयाबी-मौका मिला है — माडवी हिडमा सहित कई नक्सलियों के मारे जाने की रिपोर्ट्स राष्ट्रीय मीडिया में आ रही हैं; यह PLGA और माओवादी कमान के लिए गंभीर झटका माना जा रहा है, पर अंतिम पुष्टिकरण के लिए आधिकारिक पुलिस/सरकारी बयान और फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार आवश्यक है

