- दौरे का उद्देश्य
- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज सरगुजा जिले का दौरा कर रहे हैं।
- इस दौरे के दौरान वे जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) के आयोजन में शामिल होंगे।
- उनका यह कदम आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को मान्यता देने और उसे बढ़ावा देने का प्रतीक है।

- समय-सारणी
- सुबह 8:30 बजे: वे रायपुर से अंबिकापुर के लिए रवाना होंगे। (आपके विवरण के अनुसार)
- अंबिकापुर में: पीजी कॉलेज मैदान में भव्य जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम आयोजित है।
- इस कार्यक्रम में शामिल होंगे: केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव, राज्यपाल रमेन डेका, और अन्य प्रमुख नेता।
- प्रमुख आकर्षण
- कार्यक्रम स्थल पर आदिवासी नायकों और स्वतंत्रता-संग्राम सेनानियों के परिवारों का सम्मान किया जाएगा।
- जनजातीय विकास प्रदर्शनी: यहाँ आदिवासी कल्याण, हस्तशिल्प और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी लगेगी।
- क्राफ्ट मेला: स्थानीय आदिवासी शिल्पकारों और कलाकारों का सहभाग होगा, ताकि उनकी पारंपरिक कलाएं और हस्तकला दिखाई जा सके।
- सम्मान समारोह: कार्यक्रम में आदिवासी प्रमुखों, नायकों और उनकी पीढियों को सम्मानित किया जाना है।
- नए आदिवासी-कल्याण योजनाओं का शुभारंभ: बताया गया है कि दो महत्वपूर्ण योजनाओं को पेश किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री के विचार और संदेश
- सीएम साय ने कहा है कि भगवान बिरसा मुंडा आदिवासी समाज के स्वाभिमान, संघर्ष और इतिहास के प्रतीक हैं।
- उन्होंने यह भी कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से सरकार आदिवासी संस्कृति, उनकी विरासत और पहचान को संरक्षित करने का प्रयास कर रही है।
- उन्होंने नई पीढ़ी को अपने आदिवासी इतिहास को जानने और उस पर गर्व करने का आह्वान किया है, ताकि उनकी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत किया जा सके।
- सरकारी पहलें और इतिहास
- सीएम साय ने पहले यह घोषणा की थी कि हर जिले में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा, जो आदिवासी समुदाय के गौरव और योगदान को सराहने का दिन होगा।
- उस दिन, आदिवासी समुदाय की परंपराओं, उनकी स्वतंत्रता-संग्राम में भूमिका और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि उनकी सरकार आदिवासी इतिहास और उनकी परंपराओं को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने पर जोर देगी, ताकि भविष्य की पीढ़ियाँ इस विरासत को न भूलें।
- महत्व और संभावित असर
- यह आयोजन सिर्फ एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि आदिवासी समुदाय के लिए मान-सम्मान और स्वाभिमान को बढ़ाने की रणनीति है।
- राजनीतिक दृष्टि से, इससे मुख्यमंत्री साय की आदिवासी कल्याण नीतियों का सशक्त संदेश जाता है, जो जनजातीय वोट-बैंक और समर्थन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हो सकता है।
- सामाजिक रूप से, ऐसा कार्यक्रम आदिवासी युवाओं को उनकी पहचान और इतिहास से जोड़ने में मदद करेगा, और भविष्य में आदिवासी नेतृत्व और सशक्तिकरण को बढ़ावा दे सकता है।
