- डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस Naya/Nava Raipur में 28–30 नवंबर 2025 को आयोजित होगी; इसमें देशभर के पुलिस मुख्य और उच्च स्तरीय सुरक्षा अधिकारी शामिल होंगे।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित लगभग 70 वीवीआईपी अतिथि के आगमन-रहने की व्यवस्था है; प्रधानमंत्री तीन दिन वहीं ठहरेंगे।
- सुरक्षा के मद्देनजर एयरपोर्ट पर अलग कॉरिडोर/वर्गीकरण, विशेष विमानों के लिए बड़ी संख्या में उड़ान-शेड्यूल और शहर भर में 24×7 कड़ी सुरक्षा तैनात की जाएगी

कार्यक्रम का स्थान और समय
- कब: 28 नवम्बर से 30 नवम्बर, 2025 (तीन दिन) — उच्च-स्तरीय वार्ता एवं सेशन्स।
- कहाँ: नवा रायपुर (IIM/किसी बड़े कॉम्प्लेक्स/शान्ति-शिखर/आदोलन योग्य स्थानों के आस-पास तैयारियाँ चल रही हैं)। आयोजक और प्रशासन ने कॉन्फ्रेंस स्थल व आवास के लिए सरकारी इमारतें और सुविधाएँ आरक्षित की हैं।
सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स (मुख्य तैयारियाँ)
- VVIP को अलग कॉरिडोर: एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी के लिए अलग-सेक्योर कॉरिडोर/रूट बनाए जा रहे हैं ताकि सामान्य सिविल यातायात से अलग सुरक्षित आवागमन हो सके
- विशेष उड़ानों का संचालन: विशेष विमानों से आने वाले मेहमानों के लिये सैकड़ों (समाचार में 400+ तक) उड़ानों की व्यवस्था और हैंडलिंग की योजना बतायी जा रही है — वांछित सुरक्षा मानकों के साथ ववीआइपी हैंगर/हैंडलिंग तैयार है।
- स्थानीय-नगर स्तर की सुरक्षा: पूरे नवा रायपुर/रायपुर क्षेत्र में 24×7 सुरक्षा, हजारों जवान तैनात, बॉम्ब-स्क्वाड, स्पीनींग और सड़क-चौकियों पर सतर्कता; SPG/विशेष-प्रोटोकॉल टीमों के मानक लागू।
- आवास-व्यवस्था: वीवीआईपी-अतिथियों के लिए होटलों के बजाय सरकारी आवास/बंगलों में रहने-व्यवस्था; PM के रहने के लिए स्पीकरहाउस/स्पेशल आवास को SPG और प्रोटोकॉल मानकों के अनुसार तैयार किया जा रहा है।
क्या अलग दिखेगा (सार्वजनिक पर प्रभाव)
- सड़क बंद/रूट रूटिंग: मेज़बान क्षेत्रों के आसपास कई मार्ग अस्थायी रूप से बंद किए जा सकते हैं; शहर के कुछ हिस्सों में ट्रैफिक रिडायरेक्ट होगा — यात्रियों और रोज़मर्रा के आवागमन करने वालों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी जा सकती है।
- विमान सेवाओं पर असर: एयरपोर्ट पर VVIP-हैंडलिंग और समन्वय के कारण नागरिक उड़ानों का शेड्यूल/गेटिंग कुछ प्रभावित हो सकती है — यात्रियों को एयरलाइन्स/एयरपोर्ट से अपडेट लेने की सलाह।
- सुरक्षा-जांचें और प्रतिबंध: बड़े हिस्सों में कड़ी जांच, बैरियर और प्रवेश-निषेध के संकेत मिल सकते हैं; सार्वजनिक इवेंट या मार्च/प्रदर्शन पर भी अस्थायी पाबंदियाँ देखने को मिल सकती हैं।
कॉन्फ्रेंस का एजेंडा (संभावित प्रमुख विषय)
- आंतरिक सुरक्षा, नक्सलवाद/एलडब्ल्यूई (LWE) निवारण रणनीतियाँ, पुलिस-सुधार, आधुनिक तकनीक (AI, साइबर सुरक्षा) का पुलिसिंग में उपयोग, अंतर-राज्य समन्वय और सीमा प्रबंधन। यह इस तरह के उच्च-स्तरीय सम्मेलन का सामान्य फोकस बताया जा रहा है।
पृष्ठभूमि और महत्व
- यह 60वाँ अखिल भारतीय डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन है — राज्य द्वारा पहली बार इस स्तर की मेजबानी और इसलिए यह राज्य के लिये अतिरिक्त महत्व रखता है। केंद्रीय नेतृत्व की उपस्थिति से स्थानीय प्रशासन की छवि और इंफ्रास्ट्रक्चर-तैयारी दोनों पर ध्यान जाएगा।
