दंतेवाड़ा में शुक्रवार को जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मां दंतेश्वरी के छायाचित्र पर पूजा-अर्चना के साथ की गई, जिसके बाद औपचारिक रूप से खेल प्रतियोगिताओं का आगाज़ हुआ। इस बार आयोजन को लेकर जिले में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है, क्योंकि 40 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीयन कराकर एक बड़ी सहभागिता दर्ज कराई है।

स्थानीय संस्कृति और खेलों का सशक्त मंच
कार्यक्रम में उपस्थित विधायक चैतराम अटामी ने कहा कि बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे आयोजन न केवल खेल प्रतिभा को पहचान दे रहे हैं, बल्कि बस्तर की गहरी सांस्कृतिक जड़ों को भी नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।
इन आयोजनों ने ग्रामीण खेलों, परंपराओं और सामुदायिक समन्वय को नए स्तर पर पहुंचाया है।
पहले दिन हुए कई प्रमुख मुकाबले
शुभारंभ के ठीक बाद ही कई विधाओं में प्रतियोगिताएँ शुरू हुईं—
- 100 मीटर स्प्रिंट (दौड़)
- तीरंदाजी
- वॉलीबॉल
इन खेलों में युवाओं, महिला खिलाड़ियों और ग्रामीण इलाकों से आए प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
चयन और सम्मान की प्रक्रिया
जिले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को संभाग स्तर पर होने वाले अगामी चरण के लिए चयनित किया जाएगा।
इसके साथ ही चयनित खिलाड़ियों को राज्य सरकार की ओर से प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे, जिससे प्रतिभागियों में और अधिक प्रोत्साहन देखने को मिल रहा है।
बस्तर की खेल प्रतिभाओं के लिए बड़ा अवसर
इस बार की प्रतिभागियों की संख्या इस बात का संकेत है कि बस्तर क्षेत्र में खेलों को लेकर जागरूकता और रुचि लगातार बढ़ रही है।
जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक ग्रामीण तथा आदिवासी खिलाड़ियों को एक बड़ा और व्यवस्थित मंच दे रहा है, जहाँ से वे आगे राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं तक पहुँच सकते हैं।
