रविवार सुबह धमतरी समेत छत्तीसगढ़ के कई जिलों में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीमों ने एक साथ छापामार कार्रवाई की, जिसके बाद स्थानीय स्तर पर हड़कंप मच गया। कार्रवाई के दौरान टीम ने धमतरी शहर के महालक्ष्मी ग्रीन्स स्थित पूर्व विधायक जया बेन दोषी के पोता और रियल स्टेट कारोबारी केतन दोषी के घर पर दस्तक दी। बताया जा रहा है कि यह मामला कथित DMF घोटाले से जुड़ा हुआ है।

मौके पर पहुंचे 10 सदस्यीय अधिकारियों की टीम ने घर के अंदर घंटों पूछताछ और दस्तावेजों की जांच की। हालांकि, कार्रवाई के दौरान अधिकारियों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और छापे से जुड़ी आधिकारिक जानकारी सार्वजनिक नहीं की।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बड़ा आरोप
धमतरी में आयोजित मितानिन सम्मान कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जब इस छापे की कार्रवाई को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने सरकार पर बड़ा हमला बोला।
बघेल ने कहा—
“EOW और ACB अब जांच नहीं, बल्कि डराने, धमकाने और वसूली करने का माध्यम बन गई हैं। भाजपा नेताओं के घर ये टीमें कभी नहीं जातीं। ये तय करके जा रहे हैं कि किससे पैसा लेना है और किसे परेशान करना है।”
बघेल ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार राजनीतिक प्रतिशोध में लगी है, न कि पारदर्शिता में।
सिस्टम और योजनाओं पर भी उठाए सवाल
भूपेश बघेल यहीं नहीं रुके। उन्होंने धान खरीदी पोर्टल के सर्वर डाउन होने और SIR सिस्टम की विफलता को लेकर भी सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा—
“धान खरीदी के समय सर्वर ठप रहना किसान के साथ अन्याय है। सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है।”
🔹 EOW–ACB की कार्रवाई के राजनीतिक मायने?
इस मामले के सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएँ शुरू हो गई हैं। जहां सत्ता पक्ष इसे कानूनी कार्रवाई और भ्रष्टाचार पर सख्ती बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है।
