छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा अचानक शनिवार को सुकमा पहुंचे, जहां उन्होंने जिले में स्थित पुनर्वास केंद्र में आत्मसमर्पित माओवादियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उनके पुनर्वास, सुरक्षा और भविष्य की संभावनाओं को लेकर विस्तार से चर्चा की। मंत्री शर्मा ने आत्मसमर्पित माओवादियों को भरोसा दिलाया कि सरकार उन्हें सम्मानजनक जीवन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

गृहमंत्री ने माओवादियों से अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज और विकास की मुख्यधारा से जुड़ें। उन्होंने कहा—
“बंदूक से रास्ता नहीं निकलता। छत्तीसगढ़ बदल रहा है, और अब समय है कि आप भी बदलकर विकास और शांति का हिस्सा बनें।”
नक्सल प्रभावित इलाके में लगातार सक्रिय हैं गृहमंत्री
इससे पहले भी विजय शर्मा हाल ही में रायगुड़ेम क्षेत्र में पहुंचे थे, जो नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक है। वहां उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना।
उन्होंने सुरक्षा बलों के जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा—
“राज्य सरकार जवानों के साथ है और नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
विकास और सुरक्षा—सरकार की दोहरी रणनीति
गृहमंत्री शर्मा के लगातार दौरों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार एक ओर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देना चाहती है, वहीं दूसरी ओर माओवादियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित कर रही है।
सरकार का दावा है कि बढ़ते आत्मसमर्पण और जनता व सुरक्षा बलों के बीच विश्वास बढ़ने से नक्सलवाद तेजी से कमजोर पड़ रहा है।
आत्मसमर्पित माओवादियों ने कही ये बातें
पुनर्वास केंद्र में मौजूद कुछ पूर्व माओवादियों ने बताया कि वे वर्षों तक भ्रमित रहे, लेकिन अब वे शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं की मदद से सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं।
