मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित दशहरा मैदान में सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ बेहद आध्यात्मिक और पारंपरिक माहौल में हुआ। 1 से 3 दिसंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया।

गीता महोत्सव का शुभारंभ — मंत्रोच्चार, शंखनाद और दीप प्रज्वलन
सुबह करीब 9 बजे सीएम मोहन यादव मंच पर पहुंचे।
उन्होंने पंडितों द्वारा गाए गए गीता श्लोकों के मंगलाचार के बीच दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया।
इस अवसर पर संत रंगनाथाचार्य महाराज का विशेष स्वागत किया गया।
सीएम मोहन यादव का संबोधन—“गीता से मिलता है प्रैक्टिकल ज्ञान”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा—
“गीता एक पवित्र ग्रंथ है। इससे प्रैक्टिकल जीवन जीने की सीख मिलती है। हमने इसे पाठ्यक्रम में महत्ता दी है। गीता हर बच्चे के बस्ते में होनी चाहिए।”
उन्होंने श्रीकृष्ण-सुदामा का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी मित्रता बताती है कि समाज में अमीर-गरीब का कोई भेदभाव नहीं था।
सीएम ने कहा कि यह कहानी आज के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु-संत, स्कूली बच्चे, बटुक और आध्यात्मिक संगठन शामिल हुए।
सीएम का दिनभर का कार्यक्रम
मुख्यमंत्री ने बताया कि
दोपहर में भोपाल में गीता महोत्सव में शामिल होंगे
शाम को इंदौर में गीता भवन का लोकार्पण किया जाएगा
शाम को ‘जय श्री कृष्ण—गीता सार’ नाट्य प्रस्तुति
महोत्सव के पहले दिन शाम को बॉलीवुड एक्टर पुनीत इस्सर के निर्देशन में ‘जय श्री कृष्ण—गीता सार’ नृत्य-नाट्य का मंचन होगा।
अगले दो दिन की प्रमुख प्रस्तुतियाँ:
मंगलवार शाम
नई दिल्ली की कलाकार वैष्णवी शर्मा की प्रस्तुति
मोहित शेवानी के निर्देशन में ‘कृष्णायन’ नाट्य
बुधवार शाम
‘विश्ववंदनीय’ नाट्य
सलाउद्दीन पाशा द्वारा ‘गीता ऑन व्हील्स’ प्रस्तुति
प्रदर्शनियाँ भी आकर्षण का केंद्र
महोत्सव में माधव दर्शनम्, लघु शैलियों की चित्र प्रदर्शनी, और विभिन्न कलात्मक गतिविधियाँ लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
