भोपाल/विधानसभा सत्र के दूसरे दिन उठा बीएलओ और एसआईआर का मुद्दा
कांग्रेस विधायक डॉ विक्रांत भूरिया के प्रश्न के जवाब में सरकार ने दिया उत्तर
विक्रांत भूरिया का आरोप

माध्य प्रदेश में BLO का शोषण चरम पर चल रहा है
मध्य प्रदेश में BLO से लगातार अत्यधिक कार्य करवाया जा रहा है
चुनावी ड्यूटी, सर्वे, घर-घर सत्यापन, स्कूलों के अतिरिक्त काम, सबकुछ BLO पर थोप दिया गया है
BLO मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या तक कर चुके हैं
एमपी में 9 बीएलओ की मौत की खबर है
इनके परिवार को क्या मुआवजा दिया गया, सरकारी नौकरी दी गई यह सरकार को बताना चाहिए।
वहीं इस सबके बावजूद अबतक बीएलओ को एसआईआर के लिए कोई मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है
सरकार को BLO की सुरक्षा और कल्याण की चिंता क्यों नहीं है?
विधानसभा से मिली जानकारी के अनुसार बीएलओ का सलाना मानदेय 500 रुपए महीने और 6000 रुपए साल है।
मध्य प्रदेश के आठ जिले ऐसे हैं जहां 2023 का ही भुगतान अभी तक नहीं हुआ है जिसमें धार, अनूपपुर, शहडोल जैसे आदिवासी बाहुल्य जिले भी शामिल हैं
सरकार के पास बीएलओ को देने पैसा भी नहीं है
नियमित शिक्षकों को BLO कार्य में झोंका जा रहा है
जबरन थोपे गए एसआईआर के कारण परीक्षाओं के समय स्कूलों की अकादमिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं
बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और सरकार का कहना है कि जो टीचर्स एसआईआर के काम में लगे हैं उनका काम डिजिटली कराया जा रहा है
लेकिन हकीकत तो यह है कि मध्य प्रदेश के हजारों स्कूलों में आज भी ना तो कंप्यूटर है और ना ही इंटरनेट कनेक्शन
यानी कि बच्चों के भविष्य के साथ भी खुला खिलवाड़ हो रहा है
