देश में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्वीकृत नई गाइडलाइन दरों को लेकर चल रही चर्चाओं और भ्रम पर राज्य सरकार ने व्यापक स्पष्टीकरण जारी किया है। शासन ने साफ कहा है कि गाइडलाइन दरों में न तो किसी तरह की अचानक बढ़ोतरी हुई है और न ही दस्तावेज पंजीयन की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इसके विपरीत, नई व्यवस्था पूर्व की विसंगतियों को दूर करते हुए अधिक सहज, वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाई गई है।

पंजीयन प्रक्रिया सुचारू, अफवाहें बेबुनियाद
सरकार ने बताया कि 20 नवंबर 2025 से लागू नई गाइडलाइन के बाद कांकेर जिले में अब तक लगभग 98 दस्तावेजों का पंजीयन सामान्य रूप से किया जा चुका है। सभी उप-पंजीयक कार्यालयों में कार्य पूर्ववत जारी है।।इसके बावजूद कुछ स्थानों पर यह गलत जानकारी फैलाई जा रही थी कि ऑनलाइन गाइडलाइन अपडेट नहीं हुई है और पंजीयन रुक गया है, जबकि हकीकत यह है कि पूरी ई-पंजीयन प्रणाली बिना किसी व्यवधान के काम कर रही है।
नगरीय क्षेत्रों में बड़े स्तर पर सरलीकरण
पहले एक ही वार्ड में कई कंडिकाएं होने के कारण समान भौगोलिक स्थिति वाली संपत्तियों की दरों में भी फर्क देखा जाता था। इससे आम नागरिक असंतुष्ट रहते थे।
नवीन सर्वे और भौतिक सत्यापन के बाद इन कंडिकाओं को कम कर दिया गया है –
सरकार का दावा है कि इस सरलीकरण से अब गाइडलाइन अधिक तार्किक और स्पष्ट हो गई है, जिससे जमीन खरीद-बिक्री में होने वाली उलझनें काफी हद तक समाप्त होंगी।
20% वृद्धि पूरी तरह तर्कसंगत – सरकार
गाइडलाइन दरों का अंतिम पुनरीक्षण वर्ष 2019-20 में हुआ था। छह साल बाद किए गए इस पुनरीक्षण में नगरीय क्षेत्रों में सिर्फ 20 प्रतिशत वृद्धि की गई है। सरकार का कहना है कि अगर हर वर्ष दरों में वृद्धि होती, तो आज की दरें कहीं अधिक होतीं। इसलिए अत्यधिक वृद्धि का तर्क पूरी तरह तथ्यहीन है।
