छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सदन में “छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047” पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसे प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ बनाने का स्पष्ट और दूरदर्शी रोडमैप बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विजन दस्तावेज आने वाले वर्षों में राज्य के समग्र विकास की दिशा और गति तय करेगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ अपने अतीत की विरासत, वर्तमान की उपलब्धियों और भविष्य की आकांक्षाओं को एक सूत्र में पिरोते हुए विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने सदन के सभी माननीय सदस्यों से विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनने का आव्हान किया।
2047 तक विकास का स्पष्ट रोडमैप
सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि “अंजोर विजन 2047” केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि सुशासन, समावेशी विकास और आत्मनिर्भरता का संकल्प है। इस विजन के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, उद्योग, अधोसंरचना, डिजिटल गवर्नेंस, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय जैसे क्षेत्रों में ठोस लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार का फोकस युवाओं के लिए रोजगार के अवसर, किसानों की आय बढ़ाने, आदिवासी और ग्रामीण अंचलों के सशक्तिकरण, तथा शहरी-ग्रामीण संतुलित विकास पर रहेगा।
अतीत से सीख, भविष्य की तैयारी
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में राज्य के गठन से लेकर अब तक की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ने सीमित संसाधनों के बावजूद कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। अब समय है कि इन उपलब्धियों को मजबूत आधार बनाकर आने वाले 25 वर्षों के लिए दीर्घकालिक विकास की ठोस योजना पर आगे बढ़ा जाए।
जनभागीदारी पर जोर
सीएम साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ का सपना सरकार अकेले पूरा नहीं कर सकती, इसके लिए जनप्रतिनिधियों, युवाओं, किसानों, महिलाओं, उद्योग जगत और समाज के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि “अंजोर विजन 2047” में जनभागीदारी और पारदर्शिता को केंद्रीय स्थान दिया गया है।
भविष्य की दिशा तय करेगा विजन
मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह विजन दस्तावेज छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से मजबूत, सामाजिक रूप से समावेशी और प्रशासनिक रूप से सक्षम राज्य बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

