प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तीन देशों की आधिकारिक विदेश यात्रा के लिए दिल्ली से रवाना हो गए हैं। यह यात्रा भारत के कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने, आपसी सहयोग बढ़ाने और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को और सशक्त करने के लिहाज से अहम मानी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (15 दिसंबर) को तीन देशों की अहम विदेश यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस दौरे के जरिए प्रधानमंत्री पश्चिम एशिया से लेकर अफ्रीका तक भारत के रणनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक हितों को आगे बढ़ाएंगे। यह यात्रा भारत की वैश्विक भूमिका को और मजबूत करने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
पहला पड़ाव: जॉर्डन
प्रधानमंत्री मोदी के दौरे का पहला पड़ाव जॉर्डन होगा। यहां वे भारत–जॉर्डन के द्विपक्षीय संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच राजनीतिक, व्यापारिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक सहयोग को और गहराई देने पर चर्चा होने की संभावना है।
दूसरा पड़ाव: इथियोपिया
जॉर्डन के बाद प्रधानमंत्री इथियोपिया पहुंचेंगे। अफ्रीकी महाद्वीप में भारत की बढ़ती भूमिका के लिहाज से यह दौरा अहम माना जा रहा है। यहां पीएम मोदी व्यापार, निवेश, विकास सहयोग और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में भारत के लिए नई संभावनाएं तलाशेंगे।
तीसरा पड़ाव: ओमान
इसके बाद प्रधानमंत्री का दौरा ओमान का होगा, जो पश्चिम एशिया में भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार देश है। ओमान में ऊर्जा, व्यापार, समुद्री सुरक्षा और भारतीय प्रवासी समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
18 दिसंबर को भारत वापसी
तीनों देशों की यात्रा पूरी करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 दिसंबर को भारत के लिए रवाना होंगे।
कुल मिलाकर, यह विदेश दौरा भारत की कूटनीति को नई मजबूती देने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने और वैश्विक मंच पर भारत की प्रभावी भूमिका को और सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
