रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का चौथा दिन आज हंगामे के साथ शुरू हुआ। सदन में कांग्रेस और भाजपा के विधायकों के बीच प्रश्नकाल से पहले तीखी नोक-झोंक देखने को मिली।
🔹 कांग्रेस विधायकों ने विरोध स्वरूप पोस्टर लगाए
- कांग्रेस विधायकों ने अपने सीने पर पोस्टर लगाए, जिनमें मनरेगा के नाम बदलने के विरोध का संदेश था।
- सत्ता पक्ष के भाजपा विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई।
- सदन की आसंदी ने व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि पोस्टर-बैनर बाहर निकालकर प्रश्नकाल में शामिल हों।
🔹 भाजपा विधायकों की आपत्ति
- भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया कि क्या इस तरह की परंपरा रही है।
- भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दो नेताओं ने पोस्टर नहीं लगाए हैं, और बाकी विधायकों को मजदूर समझकर पोस्टर लगवाए गए हैं।
- कांग्रेस विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि जनप्रतिनिधियों को मजदूर कहकर अपमानित किया गया।
🔹 आसंदी का निर्देश
- आसंदी ने सदस्यों से कहा कि सभी वरिष्ठ सदस्य हैं, और जिन्होंने बैनर या पोस्टर लगाए हैं, उन्हें बाहर निकालकर सदन की कार्यवाही में शामिल होना चाहिए।
- इसके बाद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने प्रश्न किया कि क्या इस निर्देश पर सवाल किया जा सकता है।
- भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने जवाब दिया कि व्यवस्था पर कोई सवाल नहीं होता, और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के हस्तक्षेप के बाद भी स्थिति स्थिर नहीं हुई।

🔹 कार्यवाही में अस्थायी स्थगन
- पक्ष-विपक्ष के बीच नोक-झोंक के कारण आसंदी ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।
- स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही शांतिपूर्वक और नियमों के अनुसार शुरू कराई गई।
🔹 सार
आज का चौथा दिन दर्शाता है कि सदन में विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे और सरकार के जवाब के बीच कड़ी टकराहट देखने को मिल सकती है।
- कांग्रेस विधायकों का पोस्टर-प्रदर्शन और भाजपा का विरोध
- आसंदी का सदन की मर्यादा बनाए रखने का प्रयास
- परिणामस्वरूप कार्यवाही का संक्षिप्त स्थगन
👉 कुल मिलाकर, शीतकालीन सत्र का यह दिन विपक्षी विरोध और सरकार की व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश के बीच गतिशील और नाटकीय साबित हुआ।
