कांग्रेस का भाजपा और RSS पर गंभीर आरोप, मैग्नेटो मॉल तोड़फोड़ मामले में पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल
रायपुर। क्रिसमस से एक दिन पहले धर्मांतरण के विरोध में बुलाए गए छत्तीसगढ़ बंद को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। बंद के दौरान राजधानी रायपुर सहित कुछ स्थानों पर हुई तोड़फोड़ और उपद्रव की घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला बोला है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इसे पूर्व नियोजित और प्रयोजित घटना करार देते हुए कहा कि यह बंद सरकार की नाकामी को छिपाने और राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास था।

मैग्नेटो मॉल तोड़फोड़ पर कांग्रेस का बड़ा आरोप
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राजधानी रायपुर के मैग्नेटो मॉल में जो कुछ हुआ, वह बेहद गंभीर और चिंताजनक है। उनके अनुसार,
- 100 से अधिक लोग लाठियां और हथियार लेकर मॉल में घुसे
- क्रिसमस के लिए की गई सजावट को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया
- यह सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों को पुलिस का संरक्षण मिला हुआ था, जिससे वे बेखौफ होकर तोड़फोड़ करते रहे।
RSS और भाजपा कार्यकर्ताओं पर आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बंद के दौरान सड़कों पर उतरने वाले लोग RSS और उससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ता तथा भाजपा से जुड़े लोग थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेशभर में बंद के नाम पर आम जनता में डर और आतंक का माहौल बनाया गया।
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह बंद धर्मांतरण रोकने के नाम पर नहीं, बल्कि समाज में तनाव पैदा करने और धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से कराया गया।
“बंद सरकार की नाकामी की स्वीकारोक्ति”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यदि सरकार धर्मांतरण को लेकर गंभीर होती, तो कानून और प्रशासन के माध्यम से कार्रवाई करती।
उन्होंने कहा—
“छत्तीसगढ़ बंद, धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार की नाकामी की खुली स्वीकारोक्ति है। सरकार समस्या का समाधान नहीं चाहती, बल्कि टकराव को बढ़ावा देकर राजनीतिक फायदा उठाना चाहती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार धर्मांतरण के नाम पर हो रहे सामाजिक टकराव को रोकने में विफल रही है और जानबूझकर इस मुद्दे को हवा दी जा रही है।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल
कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए हैं। पार्टी ने मांग की है कि—
- मैग्नेटो मॉल सहित अन्य स्थानों पर हुई तोड़फोड़ की निष्पक्ष जांच हो
- दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए
- यह स्पष्ट किया जाए कि पुलिस ने समय रहते हस्तक्षेप क्यों नहीं किया
बढ़ता राजनीतिक टकराव
इस घटना के बाद प्रदेश में धर्मांतरण, कानून-व्यवस्था और धार्मिक सौहार्द को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। एक ओर कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा कर रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा और संघ से जुड़े संगठन अपने रुख पर कायम हैं।
कुल मिलाकर, क्रिसमस से ठीक पहले हुए इस बंद और तोड़फोड़ की घटनाओं ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया विवाद और तनाव खड़ा कर दिया है, जिस पर आने वाले दिनों में और सियासी घमासान देखने को मिल सकता है।
