कांग्रेस ने मनरेगा कानून में किए जा रहे बदलावों के खिलाफ प्रदेशभर में जागरूकता अभियान चलाने का ऐलान किया है। पार्टी का कहना है कि यह अभियान मोदी सरकार और भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम को उजागर करने के लिए होगा और ग्राम सभाओं के माध्यम से सीधे ग्रामीणों से संवाद किया जाएगा।

मनरेगा में बदलाव को लेकर कांग्रेस का बड़ा कदम
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा कानून में बदलाव कर “जी-राम-जी अधिनियम” के जरिए ग्रामीणों के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है। इसी के विरोध में कांग्रेस ने तय किया है कि वह प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में जाकर ग्रामीणों को इस बदलाव के नुकसान बताएगी।
ग्राम सभाओं में भाजपा को घेरने की तैयारी
- कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता सभी ग्राम पंचायतों में आयोजित ग्राम सभाओं में शामिल होंगे।
- इन सभाओं में मनरेगा कानून बदलने को साजिश बताते हुए ग्रामीणों से संवाद किया जाएगा।
- पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) ने सभी पदाधिकारियों को ग्राम सभाओं में सक्रिय रूप से भाग लेकर भाजपा को “बेनकाब” करने के निर्देश दिए हैं।
मजदूरों और गरीबों को नुकसान का दावा
कांग्रेस का कहना है कि:
- मनरेगा कानून संशोधन से ग्रामीण मजदूरों और गरीबों को सीधा नुकसान होगा।
- यह बदलाव काम की कानूनी गारंटी को कमजोर करता है, जो मनरेगा की सबसे बड़ी ताकत रही है।
- मांग-आधारित रोजगार व्यवस्था को खत्म कर, ग्रामीणों के गारंटीड रोजगार के अधिकार छीने जा रहे हैं।
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देश
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:
- कांग्रेस नेता ग्राम सभाओं में स्वयं शामिल हों।
- ग्रामीणों के सामने मनरेगा में बदलाव की सच्चाई रखें।
- केंद्र सरकार द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम का तथ्यों के साथ जवाब दें।
ग्राम सभाओं को लेकर कांग्रेस के आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि:
- केंद्र सरकार ने 26 दिसंबर को देशभर के गांवों में विशेष ग्राम सभाएं आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
- इन सभाओं में जी-राम-जी अधिनियम को गरीब-हितैषी बताकर पेश किया जाएगा।
- जबकि हकीकत यह है कि यह कानून पहले से मौजूद मनरेगा के मजबूत कानूनी ढांचे को कमजोर करता है।
“ग्रामीण रोजगार पर सीधा हमला” – कांग्रेस
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार ने:
- सुनियोजित तरीके से मनरेगा की मांग-आधारित प्रकृति को कमजोर किया।
- ग्रामीण रोजगार की कानूनी गारंटी लगभग खत्म कर दी।
- यह कदम करोड़ों ग्रामीण मजदूरों की आजीविका पर सीधा हमला है।
क्या है कांग्रेस का उद्देश्य?
इस जागरूकता अभियान के जरिए कांग्रेस:
- ग्रामीणों, मजदूरों और लाभार्थियों को मनरेगा बदलाव के असली प्रभाव समझाना चाहती है।
- ग्राम स्तर पर सरकार के दावों को तथ्यों के साथ चुनौती देना चाहती है।
- ग्रामीण भारत में रोजगार और अधिकारों को लेकर जनचेतना पैदा करना चाहती है।
👉 कुल मिलाकर, मनरेगा में बदलाव को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज होने वाला है और आने वाले दिनों में ग्राम सभाएं राजनीतिक बहस का बड़ा मंच बन सकती हैं।
