छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग द्वारा किए गए शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के बाद अब कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है। विभाग ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ विभागीय जांच (डिसिप्लिनरी एक्शन) की प्रक्रिया तेज कर दी है।

100 के करीब शिक्षकों पर आरोप पत्र जारी
- युक्तियुक्तकरण के तहत जिन स्कूलों में शिक्षकों की नई पदस्थापना की गई थी,
वहां कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जा रही है। - ऐसे लगभग 100 शिक्षक चिन्हित किए गए हैं।
- शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों को आरोप पत्र (चार्जशीट) जारी कर दी है।
- अब इनके खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी, जिसमें जवाब मांगा जाएगा।
अटैचमेंट व्यवस्था पर बड़ा फैसला
- शिक्षा विभाग ने जिलों में चल रहे सभी अटैचमेंट (अस्थायी संलग्नीकरण) को तत्काल समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं।
- विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश में ऐसे करीब 200 अटैचमेंट हैं।
- अब सभी शिक्षक अपनी मूल पदस्थापना वाले विद्यालय में ही सेवाएं देंगे।
क्यों लिया गया सख्त फैसला?
- युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य था कि जहां शिक्षक कम हैं वहां पर्याप्त संख्या में शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं।
- लेकिन कई शिक्षक नए स्कूलों में ज्वाइन नहीं कर रहे थे, जिससे
- पढ़ाई प्रभावित हो रही थी
- विद्यार्थियों को नुकसान उठाना पड़ रहा था
- अटैचमेंट के चलते कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई थी।
आगे क्या होगी कार्रवाई?
- आरोप पत्र का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर
- वेतन रोका जा सकता है,
- वार्षिक वेतन वृद्धि पर असर पड़ सकता है,
- या अन्य विभागीय दंड दिए जा सकते हैं।
- विभाग ने सभी शिक्षकों को निर्धारित स्कूलों में शीघ्र कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा विभाग का संदेश
शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि
“सरकारी व्यवस्था और विद्यार्थियों के हित से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। युक्तियुक्तकरण का पालन अनिवार्य है।”
👉 कुल मिलाकर, शिक्षा विभाग अब अनुशासनात्मक कार्रवाई के मूड में है और नियमों का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों पर कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।
