पति-पत्नी के झगड़े के बीच भारतीय रेल को 3 करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ा और इसी बात को आधार बनाकर परेशान पति ने पत्नी से छुटकारा पाने के लिए तलाक की याचिका लगा दी. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी इस मामले को उतनी ही गंभीरता से लिया और इस मामले में टिप्पणी करते हुए यहां तक कहा कि ड्यूटी के दौरान पति को इस तरह से पत्नी के द्वारा परेशान करना मानसिक क्रूरता माना जाएगा.
12 अक्टूबर 2011 में हिन्दू रीति रिवाज से हुई थी इनकी शादी ,उसका पति विशाखापट्टनम का रहने वाला है और रेलवे में स्टेशन मास्टर है. पति का आरोप है कि शादी के बाद उसकी पत्नी खुश नहीं थी. उसने पति को बताया था कि उसका इंजीनियरिंग कॉलेज के ग्रंथपाल के साथ अफेयर है. उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध भी बना चुकी है, जिसे वो नहीं भूल सकती. पति ने इस बात की जानकारी उसके पिता को दी. लेकिन, पिता ने भविष्य में ऐसा नहीं करेगी कहा व इसकी गारंटी भी ली.
तलाक के लिए लगाई गई इस याचिका में कई चौंकाने वाले तथ्य कोर्ट के सामने रखे आए हैं. जिसमें यह बताया गया है कि पति रेलवे में स्टेशन मास्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे और नौकरी के दौरान अक्सर फोन पर उनके बीच झगड़ा होता रहता है. वहीं दूसरी तरफ कोर्ट में यह भी बताया गया है कि उसकी पत्नी शादी से पहले ही एक लाइब्रेरियन से प्यार करती थी और शादी के बाद भी उसका अफेयर चल रहा था. पति-पत्नी के बीच विवाद का यह मुख्य कारण था.
मोबाइल से पत्नी के विवाद में बहस शुरू हो गई. इस दौरान पति बोला कि वो घर आकर बात करेगा. तभी पति और पत्नी का झगड़ा ओके से खत्म हुआ. इधर रेल कर्मी पति की ओके की आवाज दूसरे स्टेशन मास्टर ने रेलगाड़ी को रवाना करने का सिग्नल दे दिया. नक्सल क्षेत्र होने के कारण उस खंड में रात 10 से सुबह 6 बजे तक रेल यातायात प्रतिबंधित है. इस वजह से रेलवे को तीन करोड़ रुपए का नुकसान हो गया. जिसके बाद रेल कर्मी को लापरवाही बरतने के कारण सस्पेंड कर दिया गया.