कारोबार l अडानी पर अमेरिका (USA) में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट (Solar Energy Contract) पाने के लिए 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगा है। मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy) और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है।
अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। 7 अन्य लोग जिनपर धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं। रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल, सागर अडाणी, विनीत एस जैन हैं।
यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपए) की रिश्वत देने का वादा किया था।
सागर, गौतम अडाणी के भतीजे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।सागर और विनीत अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।
बुधवार को अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं।