बीजापुर l नक्सलियों के खात्मे की तरफ बढ़ रही बीजापुर पुलिस नशे के सौदागरों पर कड़ी नजर रख रही है. हाल ही में पुलिस की कार्रवाई के बाद हैरान कर देने वाली बातें सामने आई हैं. नक्सली समस्या के चलते संवेदनशील बीजापुर जिले में नशे के बाजार ने पिछले कुछ सालों में चुपके से जड़ें जमा ली हैं. अब इसकी जड़ें इतनी गहरी हो गई हैं कि जिले में नशीली दवाओं से लेकर गांजा बेफिक्री के साथ बिक रहा है. अकेले जिला मुख्यालय में बीते तीन महीने में कोतवाली पुलिस ने बड़े छापे मारे हैं. पुलिस ने नशीली चीजें बेचने वाले लोगों के आधा दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर दबिश दी है. इसमें गांजे से लेकर स्पास्मो, अल्परजोलम जैसे कैप्सूल तक मिले हैं.
गौरतलब है कि इन कैप्सूल की खुली बिक्री पर प्रतिबंध है. हैरानी की बात यह है कि आरोपियों पर कार्रवाई के बाद भी पुलिस का कहना है कि इस अवैध कारोबार को मिटाने के लिए बड़ी कार्रवाई करनी होगी. छोटी-मोटी कार्रवाई से कुछ असर नहीं होगा. पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि आरोपी नशीली टैबलेट, कैप्सूल पहले तेलंगाना से मंगाते थे. लेकिन, जब से बॉर्डर पर सख्ती हुई है तब से वहां से अब नशीली चीजों की सप्लाई नहीं होती.
कोतवाली थाने के टीआई दुर्गेश शर्मा का कहना है कि अब नशीली चीजें छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्य ओडिशा के जयपुर से पहले बस्तर और फिर वहां से बीजापुर पहुंचती हैं. ये चीजें बस, टैक्सी के अलावा कुरियर पार्सल के जरिये आ रही हैं. पुलिस पूरे रैकेट को पकड़ने की कोशिश कर रही है. बता दें, छत्तीसगढ़ के युवाओं में नशीली दवाओं की लत तेजी से बढ़ रही है. लिहाजा नक्सलवाद के साथ तेजी से फैलते नशे के कारोबार को रोकना भी पुलिस के लिए बड़ा टास्क बनता जा रहा है.