पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के घर से ईडी को छापे में सबूत मिले हैं. ईडी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बड़ा खुलासा किया है. सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए ईडी ने बताया कि लखमा के ठिकानों में तलाशी के दौरान उन्हें नगद लेन-देन के सबूत के साथ आपत्तिजनक रिकॉर्ड मिले हैं.
दरअसल ईडी ने शराब घोटाले मामले में पूर्व मंत्री और वर्तमान कोंटा के विधायक कवासी लखमा के सुकमा स्थित ठिकानों पर तलाशी ली गई थी. 28 दिसंबर को हुई इस कार्रवाई के बाद अब ईडी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है. ED ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में बताया कि कवासी लखमा के ठिकानों पर की गई तलाशी अभियान में पीओसी (Proof Of Cash) के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने के साथ कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गई है. जिनके आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं. ईडी का ये पोस्ट सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर से हड़कंप मच गया है.
ईडी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रायपुर ने छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 28.12.2024 को छत्तीसगढ़ के रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित सात परिसरों में तलाशी अभियान चलाया. तलाशी अभियान के परिणामस्वरूप, ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में पीओसी के उपयोग से संबंधित सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है. इसके अलावा तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं.
ईडी के छापेमारी के बाद कवासी लखमा का भी एक बयान सामने आया था. उन्होंने कहा था कि मैं अनपढ़ हूं. मेरे अनपढ़ होने का फायदा अधिकारियों ने उठाया.अधिकारी जो कागज लेकर आए उसमें मैं दस्तखत करता रहा. अधिकारियों ने ही गड़बड़ी की है. लखमा ने कहा था कि ईडी का छापा राजनीति से प्रेरित है.इधर आज गुरुवार को ईडी का भी सोशल मीडिया पर पोस्ट सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ में हड़कंप मच गया है. बता दें कि कवासी लखमा कांग्रेस के नेता हैं. भूपेश बघेल के शासनकाल में वे आबकारी मंत्री रह चुके हैं.अभी कोंटा के विधायक हैं.