HMPV वायरस की शुरूआत भी चीन से हुई है और यह वायरस है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी (HMPV)। केवल सप्ताह भर में ही चीन, हांगकांग और भारत में एचएमपीवी के मामले तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं। वहीं, भारत में गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिल नाडु में छोटे बच्चों में एचएमपीवी संक्रमण के मामले पाए गए हैं। ऐसे में जहां लोगों में एचएमपीवी के फैलने का डर बढ़ रहा है वहीं लोग इस वायरस से बचाव के उपाय भी जानना चाहते हैं। तो क्या है एचएमपीवी से बचाव के उपाय और क्या किसी वैक्सीन की मदद से एचएमपीवी से बचा जा सकता है?
एचएमपीवी वायरस के बारे में बात करते हुए डॉ. श्री गंगाराम हॉस्पिटल से जुड़े पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. उज्जल पारेख ने बताया कि, अन्य वायरल संक्रमण की तरह एचएमपीवी भी हवा के माध्यम से तेजी से फैलता है। श्वसन मार्ग से होते हुए एचएमपीवी शरीर में प्रवेश करता है और रेस्परेटरी सिस्टम पर हमला करता है। एचएमपीवी या ह्यूमन मेटाप्न्यूमोनोवायरस के इलाज के लिए अभी तक कोई भी वैक्सीन या खास दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए इस संक्रमण से बचाव का एकमात्र तरीका इसकी रोकथाम है। डॉ. उज्जवल पारेख ने लोगों को एचएमपीवी वायरस से होनेवाले संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की सावधानियां बरतने की सलाह दी।
डॉ. उज्जल पारेख के अनुसार, एचएमपीवी एक ऐसा वायरस है जिसके सम्पर्क में 5 साल तक की उम्र के अधिकांश लोग आ ही जाते हैं। इसीलिए, ऐसे लोग जिनकी इम्यून पॉवर कमजोर हो उनमें ही HMPV वायरस का रिस्क अधिक होता है। डायबिटीज के मरीज, बूढ़े और बड़ी उम्र के लोग और 5 साल से कम उम्र के बच्चे जिनकी इम्यून पॉवर बहुत कम होती है उनमें HMPV वायरस से संक्रमण का रिस्क भी अधिक होता है। भारत में अभी तक HMPV वायरस के जो भी केसेस सामने आए हैं उनमेें से अधिकांश मामले छोटे बच्चों से ही जुड़े हुए हैं। इन लोगों की रोग-प्रतिरोधक शक्ति कमजोर होने की वजह से ही इनमें संक्रमण होने की संभावना अधिक है। हालांकि, अभी तक किसी भी मामले में यह पता नहीं चल सका है कि इन बच्चों को यह संक्रमण कैसे और किससे हुआ।
HMPV वायरस की चपेट में आने से बचाव के उपाय………………..
- मास्क हमेशा पहनकर रखें।
- पानी अधिक से अधिक मात्रा में पिएं और हाइड्रेटेड रहें।
- संक्रमण से प्रभावित इलाकों में अगर आप जा रहे हैं तो आप मास्क जरूर पहनें।
- भीड़-भाड़ से बचें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- संक्रमित लोगों को अन्य लोगों से मिलने-जुलने से बचना चाहिए और संक्रमण के लक्षण ठीक होने तक घर में ही रहना चाहिए।