मध्य – प्रदेश l मंदसौर जिले के अंतर्गत बोलिया नगर में पारंपरिक खेती के साथ-साथ संयुक्त रूप से नई तकनीक से नगर के युवा किसान तरक्की की राह पर चल रहे हैं। शासन से मिलने वाली सब्सिडी से पाॅली हाउस लगाने के बाद युवाओं ने उसमें बिना मिट्टी की होने वाली खीरे की खेती प्रारंभ की।

महज 4 महीने की फसल से युवा किसानों को 11 लाख रुपए की आमदनी हुई। जबकि बिना तकनीक व पारंपरिक खेती से दो बीघे में भी इतना उत्पादन व लाभ लेना संभव नहीं है।

खास बात यह है कि किसान एक साल में तीन बार खीरे का उत्पादन ले सकेंगे, यानी सब कुछ ऐसा ही चलता रहा तो साल में 30 लाख से ज्यादा का उत्पादन होगा। नगर के युवा किसान मोहित पाटीदार, आदिल अफगानी, दीपक पाटीदार ने एक एकड़(दो बीघा) खेत में हाइड्रोपोनिक (बिना मिट्टी के) पद्धति से खीरे लगाकर अच्छा उत्पादन लिया।

खीरे की बुवाई अगस्त 2024 में की थी। खीरे की चार माह की फसल का लाभ किसान ले चुके हैं। पाटीदार व अफगानी ने बताया कि साल भर में पाली हाउस से उत्पादन तीन बार लिया जा सकता है, पहली बार इस पाॅली हाउस में 10 हजार खीरे के पौधे लगाए जिसमें उत्पादन 40 टन हुआ अबकी बार बाजार में खीरे के अच्छे भाव मिलने से 11 लाख रुपए की आई हुई। एक बार फसल लेने में ₹3 लाख का खर्च आया है, वहीं किसानों ने बताया कि पाॅली हाउस बनाने में 50 लाख रुपए का खर्च आया है। शासन की योजना के अनुसार इसमें 50 फीसदी अनुदान भी मिलेगा।
