उत्तरकाशी l बादल फटने से हुई भारी बारिश और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग को शीघ्र बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। सिलाई बैंड के पास तक सभी वाश आउट सड़क मार्ग को खोल दिया गया है। वहीं ओजरी में भी भारी मशीनों से कार्य चल रहा है।
उक्त कार्य के लिए दोनों ओर से सात पोकलैंड और जेसीबी मशीनें दिन-रात जुटी हुई है। जबकि बैली ब्रिज के उपकरण भी दो से तीन दिन के भीतर ओजरी वास आउट स्थल तक पहुँच जाएंगे।
एनएच के चीफ इंजीनियर मुकेश परमार ने स्वयं पूरी टीम के साथ यमुनाघाटी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वासन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया । उनके कुशल नेतृत्व एवं त्वरित निर्णयों से जहां सड़क मार्ग को तीव्र गति से बहाल किया जा रहा है,वहीं यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए श्रद्धालुओं को ओजरी से सिलाई बैंड तक पैदल मार्ग से वहां से ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था के माध्यम से सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है।

एनएच के चीफ इंजीनियर ने कहा कि सरकार व शासन के निर्देश पर विभाग की प्राथमिकता सड़क मार्गों को शीघ्रातिशीघ्र सुचारू करना एवं तीर्थयात्रियों तथा स्थानीय नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करना है। उन्होंने मौके पर तैनात सभी कर्मियों को पूरी संवेदनशीलता व सतर्कता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए है।

चीफ इंजीनियर मुकेश परमार और अधिशासी अभियंता मनोज रावत आज सिलाई बैंड , ओजरी से जानकीचट्टी तक निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने प्रत्येक डेंजर जॉन सहित स्यानाचट्टी में बनी झील का स्थलीय निरीक्षण भी किया।।