औचक निरीक्षण की मुख्य बातें
- आगमन और प्रारंभिक निरीक्षण
– राज्यपाल डेका अचानक विश्वविद्यालय पहुंचे और सबसे पहले प्रशासनिक भवन, अकादमिक सुविधा, पुस्तकालय तथा प्रयोगशालाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण में भवनों की तकनीकी स्थिति व आधुनिकरण की जरूरतों का परीक्षण शामिल था।

- शैक्षणिक समीक्षा बैठक
– निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं सहायक प्रोफेसरों के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों, पाठ्यक्रम, शोध कार्य एवं संसाधन उपलब्धता की विस्तृत समीक्षा हुई । - संशोधन और सुधार हेतु निर्देश
– विश्वविद्यालय को निर्देश दिए गए कि समयबद्ध तरीके से जरूरी तकनीकी सुधार और इंफ्रास्ट्रक्चर उन्नयन सुनिश्चित करें, जिससे शिक्षण-शोध की गुणवत्ता और दक्षता बढ़ सके ।

- कुलाधिपति के रूप में सक्रिय भूमिका
– चूंकि राज्यपाल डेका विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, उन्होंने इस रूप में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की अपनी जिम्मेदारी को फिर से रेखांकित किया। उन्होंने प्रशासनिक व अकादमिक सुधार को शीघ्र प्रभावी करने पर भी बल दिया । - आगे का रोडमैप
– विश्वविद्यालय को सलाह दी गई कि वे नियमित इन्फ्रास्ट्रक्चर ऑडिट, तकनीकी अपडेट और अकादमिक सुधार योजनाओं को त्रैमासिक रूप से राजभवन को रिपोर्ट करें, ताकि कुलाधिपति के संरक्षण में समयबद्ध सुधार सुनिश्चित हो।
🧩 महत्व
- इस निरीक्षण से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि राज्यपाल कुलाधिपति के रूप में केवल औपचारिक पद नहीं, बल्कि शैक्षणिक मानकों की उन्नति सुनिश्चित करने वाले सक्रिय संरक्षक हैं।
- यह कदम विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्ध सुधार की दिशा में एक ठोस पहल है।