– UT जैसे दादरा और नगर हवेली में सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए JEE/NEET लाइव क्लासेस की शुरूआत की गई।
– स्मार्ट क्लासरूम द्वारा क्लास 11-12 के छात्रों को IIT और AIIMS संस्थानों के मेंटर्स पढ़ा रहे हैं—यह प्रोग्राम डिजिटल लर्निंग इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने पर केंद्रित है.

IIT-कानपुर का SATHEE प्रोग्राम देश के छात्रों के लिए एक बड़ी डिजिटल शैक्षिक पहल है, जो विशेष रूप से कम संसाधनों वाले क्षेत्रों, जैसे कि केंद्रशासित प्रदेशों (UTs) — दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव—में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को JEE/NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त तैयारी के लिए मदद करता है।
📘 क्या है SATHEE प्रोग्राम?
SATHEE का पूरा नाम है:
“Self Assessment Test and Help for Entrance Exams”
यह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और IIT कानपुर की संयुक्त पहल है, जिसका उद्देश्य है:
- सरकारी स्कूलों के छात्रों को टॉप स्तर की कोचिंग प्रदान करना
- डिजिटल लर्निंग को ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों तक पहुँचाना
- IIT और AIIMS जैसे संस्थानों के मेंटर्स से मार्गदर्शन दिलाना
🔍 प्रोग्राम की मुख्य बातें
विशेषता | विवरण |
---|---|
🎯 उद्देश्य | JEE/NEET जैसी परीक्षाओं में ग्रामीण/सरकारी स्कूलों के छात्रों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाना |
🧑🏫 कौन पढ़ा रहा है? | IIT और AIIMS के चयनित फैकल्टी व मेंटर्स |
🖥️ माध्यम | लाइव क्लासेस + रिकॉर्डेड वीडियो + डिजिटल टेस्ट |
🏫 लाभार्थी क्षेत्र | दादरा-नगर हवेली, दमन-दीव जैसे केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी स्कूल |
📚 कक्षा | कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र |
🧠 कैसे काम करता है यह प्रोग्राम?
- स्मार्ट क्लासरूम में हाई-स्पीड इंटरनेट और स्क्रीन की मदद से छात्र रोजाना 2 से 4 घंटे लाइव पढ़ाई करते हैं।
- ऑनलाइन टेस्टिंग और मूल्यांकन प्रणाली के ज़रिए छात्र खुद की तैयारी का विश्लेषण कर सकते हैं।
- Doubt Clearing Sessions और सप्ताहिक Revision क्लासेस भी होती हैं।
- छात्र SATHEE के वेब पोर्टल पर लॉगिन करके व्यक्तिगत रूप से भी अध्ययन कर सकते हैं।
🌟 इस पहल के लाभ
✅ समान अवसर: छोटे शहरों और पिछड़े क्षेत्रों के छात्रों को बड़े कोचिंग सेंटरों जैसी सुविधा
✅ शिक्षक प्रशिक्षण: शिक्षकों की डिजिटल साक्षरता भी बढ़ रही है
✅ रोज़गार प्रभाव: स्थानीय संसाधनों (जैसे ऑपरेटर, टेक सहायक) की भी आवश्यकता बढ़ रही है
✅ NEP 2020 के अनुरूप: यह पहल भारत की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के डिजिटलीकरण और समावेशी शिक्षा के लक्ष्य को साकार करती है।
🗣️ क्या बोले अधिकारी?
IIT कानपुर के डायरेक्टर प्रो. अभय करंदीकर ने कहा:
“SATHEE सिर्फ एक कोचिंग प्रोग्राम नहीं, बल्कि भारत के प्रत्येक छात्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।”
📌 निष्कर्ष
SATHEE प्रोग्राम भारत में शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ी छलांग है। इससे उन छात्रों को भी JEE/NEET जैसी कठिन परीक्षाओं में मौका मिलेगा, जिनके पास महंगी कोचिंग या संसाधन नहीं हैं।