बिलासपुर में PWD सब‑इंजीनियर भर्ती परीक्षा में नकल की कोशिश का भंडाफोड़ हुआ।
- बहनों ने परीक्षा में छिपे कैमरा, माइक्रो ईयरपीस, वॉक‑टॉकी और टैबलेट्स का उपयोग किया।
- एक जागरूक टैक्सी ड्राइवर ने संदेह होने पर NSUI को सूचना दी, जिससे केस पकड़ा गया

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में PWD सब-इंजीनियर भर्ती परीक्षा के दौरान एक हाई-टेक नकल कांड का बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में दो सगी बहनों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर नकल करने की साजिश रची थी।
📌 मामले का विस्तृत विवरण:
🧕 आरोपी कौन?
- गिरफ्तार दोनों महिलाएं सगी बहनें हैं, जो परीक्षा में शामिल होने आई थीं।
- इन्होंने पूर्व-नियोजित तरीके से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ का उपयोग कर नकल करने की कोशिश की।
🛠️ हाई-टेक उपकरणों का इस्तेमाल:
- कपड़ों में छिपा कैमरा लगाया गया था, जिससे प्रश्नपत्र की तस्वीर बाहर भेजी जा सके।
- कान में सूक्ष्म ईयरपीस (micro earpiece) लगा था, जिससे बाहर बैठे व्यक्ति से उत्तर मिल सकें।
- उनके पास वॉक-टॉकी डिवाइस और एक छोटा सा टैबलेट भी था।
- पूरा सेटअप इतना चतुराई से छिपाया गया था कि पहली नजर में पकड़ना मुश्किल था।
🚕 टैक्सी ड्राइवर बना हीरो:
- बहनों को एग्जाम सेंटर तक लाने वाले टैक्सी चालक को उनकी गतिविधियों पर शक हुआ।
- उसने साहसिकता दिखाते हुए तुरंत NSUI नेताओं को सूचना दी।
- NSUI कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुँच कर प्रशासन और पुलिस को सूचित किया।
- पुलिस ने जांच कर दोनों बहनों को रंगे हाथ पकड़ा।
👮♀️ पुलिस कार्रवाई:
- दोनों आरोपी बहनों के खिलाफ नकल विरोधी अधिनियम और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
- उनके पास से कैमरा डिवाइस, ईयरपीस, टैबलेट, बैटरी पैक आदि जब्त किए गए हैं।
- पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इनके पीछे कोई संगठित गिरोह भी शामिल है।
🗣️ प्रशासन और समाज का रुख:
- यह घटना यह दर्शाती है कि परीक्षा नकल माफिया अब हाई-टेक तरीकों से सिस्टम को चकमा देने की कोशिश कर रहे हैं।
- टैक्सी ड्राइवर की सतर्कता से इस साजिश का पर्दाफाश हो गया।
- परीक्षा निकाय और प्रशासन को अब तकनीकी निगरानी और सख्त सुरक्षा उपाय अपनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
🔍 निष्कर्ष:
यह घटना न केवल नकल के खतरनाक स्तर को दिखाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि सजग नागरिक (जैसे टैक्सी ड्राइवर) कैसे किसी बड़ी अनियमितता को रोक सकते हैं।
यह एक चेतावनी भी है कि भविष्य में परीक्षाओं की सुरक्षा के लिए AI निगरानी, RF डिटेक्शन, और बॉडी स्कैनिंग जैसी आधुनिक तकनीकों की आवश्यकता है।