छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन (15 जुलाई 2025), सदन में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बीच गंभीर बहस देखने को मिली, जिसमें स्पीकर को हस्तक्षेप करना पड़ा। नीचे इसका विस्तार से विश्लेषण प्रस्तुत है:

🔥 बहस की शुरुआत और विषय
- यह बहस प्रश्नकाल के दौरान उठे जल एवं स्वच्छता मिशन से जुड़े सवालों को लेकर शुरू हुई। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक के प्रश्न के जवाब देते हुए PHE मंत्री अरुण साव बोल रहे थे, तभी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव एक दस्तावेज उठाकर बोले कि “इसमें साफ लिखा है कि कार्य पूरा होने से पहले 70% से अधिक राशि का भुगतान नहीं होना चाहिए।”
- उनकी यह तीखी भाषा खल गई, और वह इसी दरम्यान खड़े रहे—जिससे अजय चंद्राकर भड़क उठे, उन्होंने प्रक्रिया पर सवाल उठाए और यादव पर वाद-विवाद छेड़ दिया।
🗣️ दोनों पक्षों के तर्क
- देवेंद्र यादव (कांग्रेस):
- उन्होंने सरकारी दस्तावेज के हवाले से सवाल किया कि भारी राशि का भुगतान कैसे हो सकता है जब कार्य पूरा नहीं हुआ। उनका दावा था कि विधायी मर्यादा से ऊपर उठकर, उन्होंने जनहित में उभरते वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करने की कोशिश की।
- अजय चंद्राकर (भाजपा):
- उन्होंने मौके का फायदा उठाते हुए सवाल किया कि यह कैसी प्रक्रिया है जिसमें यादव ऊंची आवाज़ में नज़र आ रहे हैं, जबकि मंत्री जवाब दे रहे थे।
- उन्होंने कहा कि यह संसदीय मर्यादा के खिलाफ है और सदन के शिष्टाचार का उल्लंघन है।
🧭 स्पीकर का हस्तक्षेप
- स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने तुरंत हस्तक्षेप किया:
- उन्होंने दोनों को फटकार लगाई और कहा—”यह सड़क नहीं है, जहां आप भाषण देने आ गए हैं।”
- राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि सदन की मर्यादा बनाए रखी जानी चाहिए, और सदन की कार्यवाही पूरी तरह जनता द्वारा देखी जा रही है।
- उन्होंने अतिशयोक्ति भरे शब्दों को हटाने तथा भविष्य में मर्यादा का पालन करने का निर्देश दिया।
महत्त्वपूर्ण पहलू और निष्कर्ष
- यह घटना प्रश्नकाल के दौरान उठे गंभीर मुद्दों—जैसे अधूरा कार्य और अग्रिम भुगतान—पर हुई बहस की गहराई दिखाती है।
- संसदीय मर्यादा और विधायी प्रक्रिया के अनुपालन को स्पीकर ने जबरदस्त रूप से प्रमुखता दी।
- यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में विरोध-समर्थन की बहसें गंभीर और तीखी हो सकती हैं, लेकिन मुद्दों की गंभीरता बनी रहने पर स्पीकर मर्यादा बनाए रखने के लिए सक्रिय कदम उठाते हैं।