पोस्ट का सारांश
भूपेश बघेल ने अपने X (पूर्व Twitter) अकाउंट पर लिखा:
“आज मेरे बेटे चैतन्य बघेल के जन्मदिन पर ED की रेड आना…
मोदी और शाह की ओर से यह जन्मदिन का ‘विशेष तोहफा’ है।
यह कार्रवाई एक लोकतांत्रिक राष्ट्र में मिलुअना (सेटल करना) नहीं, बल्कि डराना धमकाना है।
हम डरने वाले नहीं हैं — भूपेश बघेल”
उन्होंने इसे कड़े शब्दों में विरोध के रूप में पेश किया, साथ ही यह भी लिखा:
“Thank you for these gifts. They will be remembered for a lifetime.”
🔍 पूरी घटना की पृष्ठभूमि
- सुबह लगभग 6:30 बजे ED ने छापेमारी की, जिसमें चैतन्य बघेल के घर को निशाना बनाया गया, जो Raipur विधानसभा सत्र के आखिरी दिन हुआ।
- यह कार्रवाई 2019–23 के कथित शराब घोटाले और ₹2,100+ करोड़ के कथित धनशोधन से संबंधित है।

🧭 भूपेश बघेल के आरोप
- राजनीतिक बदले की कार्रवाई
- उन्होंने कहा कि यह मोदी–शाह की ओर से खास तोहफा है – उनके बेटे के जन्मदिन पर ED रेड।
- लोकतंत्र पर हमला
- उन्होंने कहा कि “यह डराने-धमकाने की राजनीति है, हम भयभीत नहीं होंगे।”
- सहयोग का आश्वासन
- बघेल ने कहा कि वे ED, IT, CBI, DRI सब एजेंसियों के रिकॉर्ड की जांच को पूरी तरह से सहयोग करेंगे, क्योंकि वे कानून और न्यायी व्यवस्था में विश्वास करते हैं।
🧩 राजनीतिक और रणनीतिक संदेश
पहलू | प्रभाव / संदेश |
---|---|
💥 टाइमिंग | विधानसभा सत्र के आखिरी दिन और चैतन्य के जन्मदिन पर छापेमारी का समय राजनीति पर सवाल उठाता है। |
🛡️ प्रतिकार का रवैया | बघेल ने अपनी छवि को मजबूत रखते हुए यह संदेश दिया कि वे दबेंगे नहीं। |
⚖️ लोकतंत्र और एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप | उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों का विपक्ष दबाने के लिए दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। |
🤝 जनता व कार्यकर्ताओं को सशक्त करना | यह बयान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊँचा उठाने का एक उपकरण भी दिखता है। |
✅ निष्कर्ष
भूपेश बघेल का यह दूसरा पोस्ट सिर्फ व्यक्तिगत प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि:
- केंद्रीय एजेंसियों की निष्पक्षता और टाइमिंग पर राजनीतिक हमला
- छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष की आवाज़ दबने का संकेत
- कांग्रेस की रणनीतिक एकता और प्रतिरोध की स्थिति
यह मुद्दा आगामी राजनीतिक, विधायी और चुनावी परिदृश्यों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।