- 18 जुलाई, 2025 की सुबह ED की टीम ने भिलाई स्थित चैतन्य के निवास पर छापा मारा, जो उनके जन्मदिन के दिन था ।
- इस कार्रवाई के तहत चैतन्य को PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के अंतर्गत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिरासत में लिया गया
- ED की माने तो चैतन्य बघेल ₹2,100 करोड़ के कथित शराब घोटाले की कार्रवाई में पैसों का “recipient” यानी प्राप्तकर्ता था
- इस पूरे घोटाले की जांच पिछले महीनों से चल रही है, जिसमें संपत्ति जब्ती और चार्जशीट भी तैयार की जा चुकी है
🧨 विरोध प्रदर्शन का माहौल
- ED ने जब चैतन्य को हिरासत में लिया, तो थोड़ी देर बाद कांग्रेसियों की बड़ी भीड़ ED ऑफिस के बाहर जमा हो गई और उन्होंने चौंकाने वाले नारेबाजी करते हुए विरोध किया
- विरोध की प्रधान मांग: “यह एक राजनीतिक बदले की कार्रवाई है” – कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि ED के इस कदम का समय चैतन्य के जन्मदिन और विधानसभा सत्र के अंतिम दिन के साथ जानबूझ कर चुना गया है ।

🚓 पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी
- जैसे ही विरोध-प्रदर्शन शांत हुआ, कई कार्यकर्ता ED गाड़ी के सामने खड़े हो गए।
- पुलिस ने साफ-सफाई के आदेश दिए लेकिन कार्यकर्ता पीछे हटने से इनकार कर दिया, जिससे थोड़ी देर झूमाझटकी (धक्का-मुक्की) की स्थिति पैदा हो गई।
- महज बहस नहीं, बल्कि थोड़े तनाव के साथ पुलिस कार्रवाई हुई जिसमें कुछ कार्यकर्ताओं को हटाया गया ।
🗣️ नेताओं की प्रतिक्रिया
- भूपेश बघेल ने इसे ‘जन्मदिन का राजनीतिक तोहफा’ करार दिया और कहा कि “हम न टूटेंगे, न झुकेंगे” ।
- Charan Das Mahant (Loksabha विपक्ष नेता) बोले कि: “All Congress MLAs walked out of the assembly shouting slogans… We strongly oppose the move and we boycott the proceedings.” ।
📌 निष्कर्ष
- यह घटना राजनीतिक एजेंसियों के प्रयोग, विधानसभा के आखिरी दिन टकराव, और कांग्रेस विरोध की प्रतिशोधात्मक रणनीति को नई दिशा देती है।
- ED ऑफिस पर पुलिस-कांग्रेस झूमाझटकी ने स्पष्ट संदेश दिया कि राजनीतिक धरातल पर गतिरोध बढ़ता जा रहा है, और यह आगामी दिनों में राजनीतिक बहस का मुख्य केंद्र बनेगा।