- तारीख और समय: यह दुखद घटना 27 जुलाई 2025 (रविवार) सुबह लगभग 9 बजे मंसा देवी मंदिर की पैदल मार्ग पर बनी संकरी सीढ़ियों पर हुई।
- हताहत और घायल: इसमें कम से कम 6 लोगों की मौत हुई है और लगभग 30 से 35 भक्त गंभीर रूप से घायल बताए गए हैं।

⚠️ भगदड़ की वजह क्या बनी?
- घटना का प्रारंभिक कारण एक गलत अफवाह थी — लोगों ने सुना कि मंदिर की पथ विकर्ण मार्ग पर उच्च-दाब बिजली की तार में करंट बह रहा है, जिससे भयग्रस्त होकर भगदड़ मची ।
- उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने पुष्टि की कि स्थल पर कोई करंट या विद्युत रिसाव नहीं था; अफवाह ही तनाव फैलाने का कारण थी ।
🏥 राहत और बचाव कार्रवाइयाँ
- एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने तुरंत घटना स्थल पर पहुँचकर बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया ।
- उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वे प्रशासन के संपर्क में हैं, स्थिति पर नियंत्रण है, और सभी प्रभावितों की सहायता जारी है ।
- एक मजिस्ट्रियल जांच समिति गठित की जाएगी ताकि इस घटना के पीछे अफवाह फैलाने और Crowd Management में हुई चूक की जांच हो सके
🤝 शीर्ष नेताओं की प्रतिक्रिया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और ट्वीट पर लिखा: “हरिद्वार के मंसा देवी मंदिर मार्ग पर भगदड़ में हुई जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना। स्थानीय प्रशासन सभी प्रभावितों की सहायता कर रहा है।”
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा: “हरिद्वार के मंसा देवी मंदिर मार्ग पर श्रद्धालुओं की मृत्यु की दुखद घटना अत्यंत पीड़ादायक है। मैंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है और घायल भक्तों की शीघ्र उन्नति की कामना की है।”
📋 प्रमुख तथ्य सारांश में
विषय | विवरण |
---|---|
तारीख | 27 जुलाई 2025, सुबह करीब 9 बजे |
स्थान | मंसा देवी मंदिर पैदल मार्ग, हरिद्वार, उत्तराखंड |
मृतकों की संख्या | कम से कम 6 |
घायलों की संख्या | लगभग 30–35 |
घटना का कारण | बिजली करंट की अफवाह से मची भगदड़ |
सत्यापन | UPCL ने करंट न होने की पुष्टि की |
प्रतिक्रिया | प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने संवेदना व्यक्त की |
अनुशासनात्मक कार्रवाई | मजिस्ट्रियल जाँच एवं सुरक्षा उपायों की समीक्षा |
🔍 निष्कर्ष
यह घटना धार्मिक स्थल पर भीड़ नियंत्रण और अफवाह की गंभीरता को उजागर करती है। मंसा देवी मंदिर में सावन के दौरान भारी भीड़ सुचारु व्यवस्था की आवश्यकता को रेखांकित करती है। भटकावपूर्ण अफवाहें बहुत जल्द एक विनाशकारी स्थिति में बदल सकती हैं, जिससे मासूम श्रद्धालुओं की जान चली जाती है।
उत्तराखंड सरकार ने इस दुखद घटना के मद्देनज़र नोटिस लेते हुए सुधारात्मक कदम उठाने की घोषणा की है। मंत्रालय और प्रशासन सुरक्षा मानकों की समीक्षा, औचक निरीक्षण और भीड़ प्रबंधन में सुधार हेतु तत्पर हैं।