केंद्रीय नेताओं से मुलाकात और उपराष्ट्रपति पद को लेकर चर्चा की संभावना, कैबिनेट विस्तार पर भी अटकलें तेज
रायपुर/दिल्ली, 30 जुलाई 2025।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज से दिल्ली के दो दिवसीय प्रवास पर रहेंगे। सुबह नवा रायपुर में कैबिनेट बैठक के बाद वह दोपहर 2:15 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
केंद्रीय नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, इन बैठकों में राज्य से जुड़े राजनीतिक और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
छत्तीसगढ़ के सांसदों के साथ बैठक
मुख्यमंत्री साय अपने प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ के सांसदों के साथ भी एक विशेष बैठक कर सकते हैं। इसमें राज्य के विकास कार्यों, लंबित परियोजनाओं और केंद्र से अपेक्षित सहयोग पर बातचीत की संभावना है।
उपराष्ट्रपति पद पर चर्चा की संभावना
दिल्ली दौरे का एक प्रमुख एजेंडा उपराष्ट्रपति पद के दावेदारों के नामों पर चर्चा भी हो सकता है। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ से भी उपराष्ट्रपति पद के लिए नाम आगे बढ़ाए जाने की संभावना पर मंथन हो सकता है।
कैबिनेट विस्तार की अटकलें तेज
मुख्यमंत्री के इस दौरे के साथ ही राज्य मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें भी तेज हो गई हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि दिल्ली प्रवास के दौरान पार्टी नेतृत्व के साथ कैबिनेट विस्तार पर अंतिम रायशुमारी हो सकती है।

राजनीतिक महत्व का दौरा
विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रवास केवल शिष्टाचार मुलाकात तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राज्य की राजनीति और केंद्र-राज्य समन्वय को लेकर कई बड़े निर्णयों का आधार भी बन सकता है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का दिल्ली प्रवास – संभावित एजेंडा
1. केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात
- केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट।
- भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बैठक।
- पार्टी नेतृत्व के साथ राज्य संगठन और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा।
2. उपराष्ट्रपति पद को लेकर चर्चा
- उपराष्ट्रपति पद के लिए संभावित दावेदारों के नामों पर विचार-विमर्श।
- पार्टी उच्च नेतृत्व से इस विषय पर राजनीतिक रणनीति तय करना।
3. छत्तीसगढ़ के सांसदों के साथ बैठक
- राज्य के विकास कार्यों और लंबित परियोजनाओं पर चर्चा।
- केंद्र सरकार से वित्तीय और नीतिगत सहयोग सुनिश्चित करने के उपाय।
- सांसदों के सुझाव और प्राथमिकताओं को सुनना।
4. कैबिनेट विस्तार पर चर्चा
- राज्य मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं पर मंथन।
- संभावित नए मंत्रियों के नामों पर पार्टी नेतृत्व से रायशुमारी।
5. विकास परियोजनाएँ और केंद्र से सहयोग
- बुनियादी ढाँचा, उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी परियोजनाओं को केंद्र से समर्थन दिलाने की पहल।
- विशेष रूप से खाद्यान्न वितरण, सिंचाई और कृषि योजनाओं पर चर्चा।
6. राजनीतिक एवं संगठनात्मक रणनीति
- आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारियों की समीक्षा।
- पार्टी संगठन को सशक्त बनाने की रणनीति पर विचार।