📌 मामला: CGTBC प्रिंटिंग घोटाला
- आरोप: 2009‑10 में पाठ्यपुस्तकों की छपाई की प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन करते हुए फर्जीवाड़ा एवं अनुचित निविदा अनुदान। त Tender awarding to close associates, overpayment to printers, manipulation in payments.
- चार्जशीट में नामित:
- तत्कालीन महाप्रबंधक सुभाष मिश्रा,
- उप‑प्रबंधक मुद्रण टेक्निशियन संजय पिल्ले,
- CG पैकेज प्राइवेट लिमिटेड के मुद्रक नंद गुप्ता,
- प्रमोद एंड कंपनी के संचालक युगबोध अग्रवाल
- चार्जशीट के अनुसार इन व्यक्तियों ने कथित रूप से मिलकर ₹3.61 करोड़ (approx) की धोखाधड़ी की जिसमें शासन को आर्थिक हानि हुई।
🧾 चार्जशीट की विशेषताएँ
- कुल 2,000 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट रायपुर की विशेष अदालत में दाखिल की गई।
- इसमें फर्जीवाड़े के सभी पहलुओं, दस्तावेजों, गवाहों और निविदा रिकॉर्ड्स का विशद विवरण शामिल है।
- आरोपियों के नाम, तिथि-पहचान, भुगतान रिकॉर्ड, तादात्म्य-चेक व एनालिसिस रिपोर्ट शामिल हैं।
🧭 जांच की पृष्ठभूमि और मकसद
- यह घोटाला शुरुआती तौर पर लिखित सामग्री छपाने की स्वीकृति से जुड़ता है, जहाँ प्रिंटिंग कॉन्ट्रैक्ट नियमों का उल्लंघन करके करीबी मुद्रकों को दिए गए।
- EOW की चार्जशीट में कहा गया है कि त Tender conditions violated, overpayments, favoritism for close persons.
- इस कदम का उद्देश्य भ्रष्टाचार को न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से खंगालना और दोषियों को जिम्मेदारी तक लाना है।
📊 सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
केस | CGTBC प्रिंटिंग घोटाला (2009‑10) |
चार्जशीट पृष्ठ | लगभग 2,000 पन्ने |
आरोपी व्यक्तियों की संख्या | 4 व्यक्ति |
आर्थिक घाटा | लगभग ₹3.61 करोड़ |
मुख्य आरोप | फर्जी निविदा, भुगतान घोटाला, नियमों का उल्लंघन |
मुकदमा स्थान | विशेष न्यायालय, रायपुर under Prevention of Corruption Act |
🧭 निष्कर्ष
यह चार्जशीट राज्य में शिक्षा संबंधित आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार के मामलों को न्यायालयीन प्रक्रिया के माध्यम से उजागर करने का बड़ा कदम है। इसमें फर्जीवाड़ेबाज़ी के जटिल मामले, दस्तावेज़ हेराफेरी, और संबंधों के कारण त Tender awarding की गंभीर जांच शामिल है।
