मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल में एक बयान में कहा:
“समृद्ध और खुशहाल किसान – विकसित छत्तीसगढ़ का मजबूत आधार”
इस कथन के पीछे राज्य सरकार की किसानों के लिए आत्मनिर्भरता, समृद्धि और ग्रामीण विकास को केंद्र में रखते हुए कई रणनीतियाँ और कार्यक्रम हैं।

🌾 योजनाएँ एवं उपलब्धियाँ
1. पीएम‑किसान सम्मान निधि का लाभ
- 25.47 लाख से अधिक किसानों को ₹553.34 करोड़ सीधे DBT के माध्यम से ट्रांसफर किए गए (20वीं किश्त)।
- अब तक राज्य में कुल ₹9,700 करोड़ किसानों के खातों में जा चुके हैं ।
2. कृषक उन्नति योजना kapsamında समर्पण
- ध्यान देने योग्य पहल: प्रति एकड़ 21 क्विंटल तक धान खरीदी और ₹3,100 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य।
- कुल खरीदी: 2023–24 में 14.492 लाख मीट्रिक टन, 2024–25 में 14.925 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया।
- कुल भुगतान: ₹32–34 हज़ार करोड़, अतिरिक्त राशि ₹13–12 हज़ार करोड़ सीधे खातों में ।
3. शून्य ब्याज कृषि ऋण (KCC)
- 5 लाख रुपये तक का ऋण शून्य ब्याज पर प्रदान — 2024 में ₹6,912 करोड़, और 2025 में लक्ष्य ₹7,800 करोड़ रखा गया, जिसमें अब तक ₹5,124 करोड़ वितरित
4. समय पर खाद एवं बीज सामग्री वितरण
- खरीफ सीजन के दौरान किसानों को यूरिया, डीएपी, पोटाश, सुपर फॉस्फेट, नैनो यूरिया व प्रमाणित धान बीज समय पर उपलब्ध कराने की सुगम व्यवस्था।
- इससे किसानों को लंबी कतार या इंतजार न करना पड़ा; कृषि गतिविधियों में तेजी आई ।
5. विकसित कृषि संकल्प अभियान (Viksit Krishi Sankalp)
- 30 मई 2025 को शुरू, जिसका उद्देश्य 13 लाख से अधिक किसानों को तकनीकी और वैज्ञानिक खेती से जोड़ना था।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 110 लाभार्थियों को चाबियाँ सौंपी गईं और ₹3.5 करोड़ से अधिक विकास घोषणाएं शामिल हुईं।
6. एग्री‑हॉर्टी एक्सपो एवं बाजार संपर्क
- जशपुर में आयोजित Agri‑Horti Expo में किसान सीधे बाजार, तकनीकी विशेषज्ञों व खरीदारों से जुड़े।
- प्रौद्योगिकियों में Soil Health Card, जैविक खेती, अनुबंध खेती, डेयरी एवं मछली पालन जैसी पहलनें शामिल थी।
7. सहकारिता से समृद्धि (Cooperative Reach)
- उपेक्स बैंक की नई शाखाएं व डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से किसानों को बैंकिंग सुविधा सीधे गांव तक ली जा रही है।
- छह जिलों में दो-दूधारू गाय उपलब्ध कराने से ग्रामीण आय में वृद्धि हो रही है ।
🔍 मुख्यमंत्री की बात का सार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का मानना है कि:
“समृद्ध और खुशहाल किसान” ही विकसित छत्तीसगढ़ की मजबूती है।
सरकारी योजनाएँ जैसे कि PM‑Kisan, कृषक उन्नति, शून्य ब्याज ऋण, समय पर खाद-बीज वितरण और सहकारिता के ज़रिए किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
इन पहलों से खेती हितैषी वातावरण निर्मित हुआ है, जिससे:
- आर्थिक समृद्धि,
- उत्पादकता में सुधार,
- और ग्रामीण विकास को गति मिली है।
📊 प्रमुख संकेतक सारांश
पहल | लाभार्थी एवं असर |
---|---|
PM‑Kisan निधि | 25.5 लाख से अधिक किसानों को ₹553 करोड़ + कुल ₹9,700 करोड़ |
कृषक उन्नति योजना | प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी, ₹32–34 हजार करोड़ भुगतान |
शून्य ब्याज ऋण सहायता | ₹7,800 करोड़ लक्ष्य, ₹5,124 करोड़ वितरण |
खाद-विजन वितरण | समयबद्ध खाद व बीज वितरण, कृषि क्रियाशीलता में तेजी |
विकसित कृषि संकल्प अभियान | 13 लाख किसानों को तकनीकी सहायता, PM Awas चाबियाँ |
सहकारिता और बैंकिंग सुविधा | गांवों में बैंकिंग, दूध उत्पादन व डेयरी विकास |
✅ निष्कर्ष
विष्णु देव साय की सरकार ने किसानों की समृद्धि को राज्य विकास का प्रमुख आधार बनाया है। योजनाओं की पारदर्शिता, समय पर वितरण, और तकनीकी सहायता इस निश्चय को गति देने वाली नीतियाँ हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री का यह कथन—“समृद्ध और खुशहाल किसान – विकसित छत्तीसगढ़ का मजबूत आधार”—अधिक सार्थक और जमीनी हकीकत में परिपूर्ण लगता है।