बलौदाबाजार के एक सरकारी विद्यालय में मिड‑डे मील पर आवारा कुत्ता गिरने के बाद 78 विद्यार्थियों को सुरक्षा के तौर पर रेबिज़ वैक्सीन दी गई। इस घटना से परिजनों में भारी आक्रोश है और जांच जारी है।

छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले स्थित लच्छनपुर गाँव के एक सरकारी मिडिल स्कूल में 29 जुलाई 2025 को एक गंभीर घटना हुई, जिसमें आवारा कुत्ता द्वारा दूषित मिड‑डे मील (सलाद/सब्जी) सर्व की गई। परिणामस्वरूप 78 छात्रों को एंटी-रेबीज़ वैक्सीन दी गई, जिससे स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है।
🏫 घटना का पूरा विवरण
- स्थान एवं समय: लच्छनपुर के सरकारी मध्य विद्यालय, पलारी ब्लॉक; घटना 29 जुलाई को हुई। कुल 84 छात्रों ने भोजन किया।
- संघटक घटना:
- एक आवारा कुत्ता खुले में रखे पकवान पर फिसल गया और उसे खाया।
- बच्चों ने इस बात की सूचना शिक्षकों को दी थी।
- शिक्षकों ने SHG (Self Help Group) को भोजन परोसने से मना किया, लेकिन उनका अनुरोध अनदेखा कर भोजन परोसा गया।
💉 चिकित्सा प्रतिक्रिया
- 78 बच्चों को तुरंत पहली डोज एंटी-रेबीज़ वैक्सीन दी गई, purely precautionary measure के तौर पर, क्योंकि कोई पक्का संक्रमण नहीं था।
- मिडिया में स्वास्थ्य केन्द्र की प्रभारी डॉ. वीणा वर्मा ने स्पष्ट किया कि: “पहली डोज़ का कोई साइड‑इफेक्ट नहीं होता… यह सभी की मांग पर, SMC एवं अभिभावकों की प्रेरणा से किया गया।”
👥 अभिभावकों और समुदाय की प्रतिक्रिया
- छात्रों ने घर पहुँचकर घटना बताई, जिससे अभिभावकों और ग्रामवासी में भारी आक्रोश फैला।
- स्कूल प्रशासन और SHG के खिलाफ मंच पर शिकायत की गई; SMC अध्यक्ष झलेन्द्र साहू ने SHG हटाने की मांग की।
🕵️ अधिकारी जांच एवं कार्रवाई
- SDM दीपक निकुंज और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी नरेश वर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने स्कूल का दौरा कर बालकों, शिक्षकों, अभिभावकों और SMC सदस्यों के बयान रिकॉर्ड किए।
- तथापि, SHG सदस्य जांच में उपस्थित नहीं हुए।
- स्थानीय विधायक संदीप साहू ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर मामले की पूरी जांच और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
⚠️ मुख्य दृश्य व चिंताएँ
मुद्दा | विवरण |
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स्वास्थ्य जोखिम | खराब स्वास्थ्य हितों के प्रति जिम्मेदारी की कमी, बच्चों का दूषित भोजन ग्रहण करना |
प्रबंधन विफलता | SHG ने चेतावनी के बावजूद भोजन परोसा; स्कूल प्रशासन की चेतना में कमी |
विश्वसनीयता संकट | SMC और SHG की सदस्यता पर सवाल, Hygiene Protocol का उल्लंघन |
पारदर्शिता की कमी | SHG का जांच में शामिल न होना, नायाब जवाबदेही की कमी |
✅ निष्कर्ष
यह घटना शैक्षणिक और स्वास्थ्य प्रणाली दोनों में लापरवाही की गहरी तस्वीर प्रस्तुत करती है। मिड‑डे मील जैसे महत्वपूर्ण वेलफेयर प्रोग्राम में सुरक्षा और निगरानी की कमी बच्चों के स्वास्थ्य और भरोसे पर भारी असर डालती है। जल्द से जल्द भर्ती प्रावधानों, SHG निगरानी और जांच प्रक्रिया को पुनः सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।