Skill Development विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि प्रशिक्षण कार्यसूची सीधे रोजगार या स्वरोजगार से जुड़ी हो।
विशेष योजना ‘नियाद नेल्ला नर’ के अंतर्गत पहले से आत्मसमर्पण कर चुके 549 युवाओं को प्रशिक्षण मिला, जबकि 382 अभी प्रशिक्षणाधीन हैं। नवप्रवेशी व्यक्तियों के लिए डिजिटल उपस्थिति की मॉनिटरिंग फेस-स्कैनिंग से सुनिश्चित की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में कौशल विकास एवं आत्मनिर्भरता को लेकर एक ठोस रणनीति पर काम किया जा रहा है। हाल ही में “कौशल विकास विभाग” की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो विशेष रूप से युवाओं के रोजगार, पुनर्वास और आत्मनिर्भरता को केंद्र में रखते हैं।

🔍 मुख्य बिंदु: कौशल विकास पर फोकस
📌 1. प्रशिक्षण सीधे रोजगार से जुड़ा हो
- मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि:
- सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों को “नौकरी या स्वरोजगार से सीधा संबंध” होना चाहिए।
- केवल प्रमाण पत्र देने से बात नहीं बनेगी, युवाओं को कंपनियों, इंडस्ट्री, स्थानीय व्यवसायों से जोड़ा जाए।
🤝 ‘नियाद नेल्ला नर’ योजना: आत्मसमर्पित युवाओं के लिए पुनर्वास
🔹 योजना का उद्देश्य:
- नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण कर चुके युवाओं को समाज की मुख्यधारा में वापस लाना।
- उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर रोजगार या स्वरोजगार योग्य बनाना।
🔸 अब तक का आंकड़ा:
विवरण | संख्या |
---|---|
प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके आत्मसमर्पित युवा | 549 |
वर्तमान में प्रशिक्षणरत | 382 |
योजना का लाभार्थी वर्ग | नक्सल प्रभावित, पूर्व उग्रवादी, पुनर्वास हेतु तैयार युवा |
📱 डिजिटल मॉनिटरिंग: फेस स्कैनिंग के ज़रिए उपस्थिति
- फेस स्कैनिंग तकनीक लागू की गई है ताकि:
- उपस्थिति की निगरानी पारदर्शी और फर्जी रहित हो।
- फर्जी नामांकन और अनुपस्थित रहकर लाभ उठाने वालों पर रोक लग सके।
- यह तकनीक खासकर नवप्रवेशी युवाओं (New Entrants) के लिए लागू की जा रही है।
🏭 प्रशिक्षण कार्यक्रम किस क्षेत्र में?
मुख्यतः निम्नलिखित क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है:
- सिलाई, कढ़ाई, बुनाई
- कंप्यूटर एवं IT आधारित कार्य
- दोपहिया वाहन मरम्मत
- बिजली फिटिंग और वेल्डिंग
- खेती आधारित व्यवसाय जैसे मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन
- होटल मैनेजमेंट, सुरक्षा गार्ड, हेल्थ वर्कर आदि
🛠️ भविष्य की योजना:
- प्राइवेट कंपनियों के साथ साझेदारी (PPP मॉडल) को बढ़ावा
- अधिकाधिक युवाओं को NSDC और स्टार्टअप पोर्टल से जोड़ा जाएगा
- लघु उद्योग / SHG / स्टार्टअप को ऋण और अनुदान से सहायता
📢 मुख्यमंत्री का संदेश:
“हम युवाओं को केवल प्रशिक्षण नहीं देना चाहते, हम उन्हें काबिल बनाना चाहते हैं कि वे खुद रोजगार दें, स्वरोजगार करें, और आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत करें।”
✅ निष्कर्ष:
इस पूरी योजना का मकसद है:
- नक्सलवाद से लौटे युवाओं का पुनर्वास
- बेरोजगारी घटाना
- कौशल आधारित आत्मनिर्भर समाज बनाना
यह पहल “रोजगार के लिए शिक्षा” को व्यवहार में लाने का सशक्त उदाहरण है, जहां कौशल प्रशिक्षण केवल सरकारी आंकड़ों के लिए नहीं, बल्कि व्यावहारिक सफलता और रोजगार सृजन के लिए दिया जा रहा है।