है प्रभु मोदी है दाता, ऐसी कृपा कीजिए।
सारे किसान मांग रहे है, बीमा दिलवा दीजिए।।
मोदी मोदी कह रहे किसान, हमरी सुन लिजिए।
सारे किसान चिल्ला रहे है, बीमा दिलवा दीजिए।।
पांच वर्ष से फसले खराब हुई, इनको देख लिजिए ।
है प्रभु मोदी है दाता, बीमा दिलवा दीजिए।।
गांव-गांव से कर रहे विनती, हमरी सुन लिजिए।
है प्रभु मोदी है दाता, बीमा दिलवा दीजिए।।
कह रहे किसान मोदी मोदी, किसान की सुन लिजिए।
है प्रभु मोदी है दाता, किसान की सुन लिजिए।।
सारे किसान मांग रहे है, बीमा दिलवा दीजिए।
है प्रभु मोदी है दाता, अब तो कृपा कीजिए।।
किसानों ने सीवन नदी में ली जल समाधि
किसानों ने घंटी बजाकर किया शंखनाद।
किसानों का जल सत्याग्रहण एवं जल समाधि चौथे दिन भी जारी।
भोपाल एवं सीहोर जिले के किसान विगत चार दिन से किसान व समाज सेवी एम.एस. मेवाड़ा के नेतृत्व में भोपाल जिले के ग्राम टिलाखेड़ी तालाब से लगी कुलासी नदी में एवं सीहोर जिले के ग्राम लसुड़िया खास एवं ग्राम छोटी मुंगावली एवं छापरी कलां के किसान पार्वती नदी, सीवन नदी में जल सत्याग्रहण करते हुए आज दिन शुक्रवार को किसानों ने जल समाधि ले ली है।
किसानों ने बीमा कंपनी की निकाली अर्थी सीवन नदी में डुबायी
आज किसानो ने बीमा कंपनी की अर्थी बनाकर गांव में घुमाते हुए अर्थी को सीवन नदी में पंहुचकर और बीमा कंपनी की अर्थी को नदी में डुबाया।

झुंझुनू से किसानो को बीमा नही, मिला झुंझुना।
अब किसान नदी में बजा रहे झुंझुना।
किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा एवं बनेसिंह मेवाड़ा, गुलाबसिंह, हिम्मत सिंह, केदार सिंह, कमल सिंह, शिवचरण, रामलाल, मोतीलाल, बद्रप्रसाद, देवीसिंह, चंदर सिंह का कहना है कि विगत पांच वर्षो से हम किसानों की सोयाबीन की व अन्य फसल प्राकृतिक आपदा से बर्बाद हो रही है जिसका हर 6 माह में बैंक द्वारा बीमा का पैसा काटकर बीमा कंपनी को भेज दिया जाता है। और किसाना विगत पांच वर्षो से लगाता किसी न किसी गांव में बर्बाद हुई फसल के बीमा की मांग को लेकर जल सत्याग्रहण करा, पेड़ो पर बैठकर घंटी बजाई, कलेक्टर से लेकर कमिश्नर प्रधानमंत्री, केन्द्रीय कृषि मंत्री मुख्यमंत्री जी के नाम बीमा देने मांग कर ज्ञापन देते चले आ रहे है। परंतु किसानों को खराब फसलों की बीमा राषि नही मिली, अभी कुछ दिन पूर्व ही राजस्थान के झुंझुन से किसानों को बीमा राषि डाली तो म.प्र. के भोपाल जिला सीहोर जिला के 80 प्रतिशत किसानों को बीमा नही मिला एवं कुछ किसानों को 100 रू से लेकर 1000 रू तक ही बीमा राषि मिली है जो 200 रू प्रति एकड़ के हिसाब से मिली है जो हमारे लिए उंट के मुंह में जीरा है। अब किसान दुखी परेशान होकर बीमा राशि की देने की मांग को लेकर पिछले चार दिन से लगातार किसी न किसी गांव के किसी न किसी नदी में जल सत्याग्रह एवं जल समाधि ले रहे है। एवं प्रधानमंत्री से , केंद्रीय कृषि मंत्री से संपूर्ण पांच वर्ष से खराब हुई फसलो का बीमा देने की मांग कर रहे है एवं बीमा यदि दे नही सकते तो बीमा राशि काटना भी बंद किये जाने की मांग कर रहे है।