मध्य प्रदेश की कांग्रेस राजनीति में एक बार फिर गुटबाज़ी खुलकर सामने आ गई है। दरअसल, हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने वर्ष 2020 में गिरी कमलनाथ सरकार को लेकर बयान दिया था। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर सीधा पलटवार करते हुए दिग्विजय सिंह को कटघरे में खड़ा कर दिया।

कमलनाथ ने लिखा—
“मध्य प्रदेश में 2020 में मेरे नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने को लेकर हाल ही में कुछ बयानबाज़ी की गई है। मैं सिर्फ़ इतना कहना चाहता हूँ कि पुरानी बातें उखाड़ने से कोई फ़ायदा नहीं। लेकिन यह सच है कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के अलावा श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह लगता था कि सरकार श्री दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। इसी नाराज़गी में उन्होंने कांग्रेस के विधायकों को तोड़ा और हमारी सरकार गिरायी।”
2020 का राजनीतिक घटनाक्रम फिर चर्चा में
गौरतलब है कि मार्च 2020 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिर गई थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद कांग्रेस की सत्ता चली गई और भाजपा की वापसी हुई।
कमलनाथ के इस ताज़ा बयान ने न केवल उस घटनाक्रम को दोबारा सुर्खियों में ला दिया है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि कांग्रेस में आज भी आंतरिक मतभेद गहराए हुए हैं।
कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा चुनाव में हार और संगठनात्मक कमज़ोरियों के बीच कांग्रेस के बड़े नेताओं का इस तरह आमने-सामने आना पार्टी की एकता पर सवाल खड़े करता है।
कांग्रेस पहले से ही भाजपा के लगातार हमलों का सामना कर रही है और अब इस गुटबाज़ी से उसकी अंदरूनी सियासत और उलझती दिख रही है।