जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के राजपुर क्षेत्र में कुख्यात कारोबारी विनोद अग्रवाल उर्फ़ मग्गू सेठ के खिलाफ जनता का आक्रोश तेजी से बढ़ता जा रहा है। लंबे समय से जमीन कब्ज़ा और आदिवासियों को धमकाने जैसे आरोपों में घिरा यह कारोबारी एक बार फिर सुर्खियों में है।

क्या है पूरा मामला?
मग्गू सेठ पर आरोप है कि वह गरीबों और विशेषकर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र पहाड़ी कोरवा व पण्डो जनजाति की ज़मीन को कब्ज़ाने का काम करता रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से ये मामले थाना-चौकी और राजस्व दफ्तर तक पहुंचने से पहले ही प्रभाव और दबाव के कारण दबा दिए जाते थे। जिन मामलों में रिपोर्ट दर्ज भी हुई, वे वर्षों तक फाइलों में धूल खाते रहे।
क्यों बढ़ा आक्रोश?
हाल ही में मग्गू सेठ पर लगे नए और गंभीर आरोपों ने पूरे क्षेत्र में जनाक्रोश का माहौल बना दिया है। ग्रामीण लगातार प्रशासन और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लोग खुले तौर पर कह रहे हैं कि अगर ऐसे प्रभावशाली कारोबारियों पर लगाम नहीं लगाई गई तो आदिवासी समाज के अस्तित्व पर संकट खड़ा हो जाएगा।
प्रशासन की चुनौती
स्थानीय प्रशासन अब दबाव में है। लगातार हो रहे विरोध-प्रदर्शन और ग्रामीणों की शिकायतों के चलते प्रशासन के लिए यह मामला साख और विश्वास से जुड़ गया है। फिलहाल पुलिस और राजस्व विभाग ने आरोपों की जांच शुरू करने का दावा किया है।