बूढ़ा तालाब के चौपाटी पर फिर से खुली तीन दुकानों की शिकायत पर महापौर मीनल चौबे ने रविवार सुबह निरीक्षण कराकर अधिकारियों को तुरंत सील करने के निर्देश दिए।

टाइमलाइन (मुख्य बिंदु)
- शिकायत मिलने के बाद महापौर ने मौके पर जाकर फुटपाथ व चौपाटी का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होंने निगम अधिकारियों और ठेकेदार को फटकार लगाई और बिना अनुमति के चल रही दुकानों को तुरंत सील करने का आदेश दिया।
- दुकानदारों की तरफ़ से दावा किया जा रहा है कि पर्यटन विभाग से अनुमति मिली है; महापौर ने कहा कि बावजूद इसके निगम के नियमों का पालन ज़रूरी है और निगम के पास कोई अनापत्ति (NOC) नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना पार्किंग वाले स्थान पर व्यावसायिक गतिविधि नहीं चल सकती—यह स्थान स्कूल के सामने भी है।
पृष्ठभूमि और विवाद का कारण
- बूढ़ा तालाब पर चौपाटी/व्यावसायिक गतिविधि को लेकर पहले से स्थानीय विरोध, NGO आक्रोश और प्रशासनिक जंग चल रही है — पिछले महीनों में भी इसी मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप और निरीक्षण की खबरें आई थीं।
- मामला तकनीकी रूप से यही है कि अलग-अलग विभागों (पर्यटन विभाग बनाम नगर निगम) की सहमति/अनुमति में तालमेल न होने से दुकानदार यह दावा कर देते हैं कि उन्हें अनुमति मिल गई—जबकि निगम सीमांत/पब्लिक स्पेस, पार्किंग व सुरक्षा के मानदंड लागू करता है। महापौर ने यही औपचारिक और जनता-सुरक्षा कारण दिखाकर सील करा दिया।
आगे क्या हो सकता है (वास्तविक परिदृश्य)
- कानूनी कदम/आगे की कार्यवाही: दुकानदार पर्यटन विभाग के आधार पर न्यायिक या प्रशासनिक चुनौती दे सकते हैं; दूसरी ओर नगर निगम अपनी सीमाओं व नियमों के हवाले से मामला आगे बढ़ा सकता है (शिकायत, नोटिस, शॉर्ट-टर्म हटाना/कब्जा)।
- सार्वजनिक प्रभाव: यदि दुकानें खुली रहीं तो पैदल मार्ग, पार्किंग और स्कूल के आसपास सुरक्षा-व्यवस्था प्रभावित होती — इसलिए स्थानीय पारिस्थितिकी/सुरक्षा कारणों से नगर निगम का सख्ती दिखाना तर्कसंगत बताया जा रहा है।
क्या करें यदि आप स्थानीय निवासी/दुकानदार/पर्यटक हैं
- स्थानीय स्तर पर ताज़ा स्थिति जानने के लिए रायपुर नगर निगम के आधिकारिक नोटिस या स्थानीय न्यूज़ (ZEE/IBC24/दैनिक भास्कर/अमर उजाला) देखें—क्योंकि आगे के प्रशासनिक आदेश वहाँ प्रकाशित होंगे।
- दुकानदारों के पास पर्यटन विभाग से कोई लिखित अनापत्ति है तो वे उसको लेकर निगम से समन्वय की मांग कर सकते हैं; पर पार्किंग और पब्लिक-सुरक्षितता के मानक पर भी अमल जरूरी होगा।